नई दिल्ली. किसान आंदोलन के दरम्यान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का उपवास एक सरकारी आयोजन था. इस दौरान सरकार के मद से 1,11,442 रूपया खर्च किया गया हुआ. विपक्ष के लिखित सवाल के जवाब में सरकार ने यह जानकारी दी है.
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और विधायक गोविंद सिंह ने सरकार से पूछा था कि मुख्यमंत्री के द्वारा किए गए उपवास में कितना खर्च आया और वहां कौन-कौन सी सरकारी बैठकें हुई?
इसके जवाब में कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने बताया है कि मुख्यमंत्री के शयन कक्ष और बैठक कक्ष का अस्थाई निर्माण मेसर्स भोपाल ग्लास एवं टेंट स्टोर, इतवारा रोड से करवाया गया. जिसपर 88,178 रुपए का सरकारी खर्च हुआ.
वहीं, लाउड स्पीकर व अन्य सामान के लिए 23,324 रुपए का खर्च हुआ है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के उपवास के दौरान हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं, वृक्षारोपण महाभियान और खरीफ की फसल की तैयारी की समीक्षा हुई.
विपक्ष के नेताओं ने पूछा था कि क्या संघीय व्यवस्था में मुख्यमंत्री उपवास कर सकते हैं? या उन्होनें इस संदर्भ में राज्यपाल से पूर्व अनुमति ली है. इसके जवाब में सरकार के तरफ से कहा गया है कि इस संबंध में किसी दस्तावेज से कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.
मालूम हो कि 10 और 11 जून को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में शांति के लिए उपवास किया था. बाद में किसानों के परिजनों एवं अन्य सिविल सोसाइटी के लोगों के आग्रह पर उन्होनें अपना उपवास तोड़ा था.
इससे पूर्व, मध्यप्रदेश के मंदसौर में आंदोलनरत किसानों पर पुलिस गोलीबारी में 6 किसानों की जान चली गई थी. जिसके बाद पूरे राज्य के किसान आंदोलन करने लगे थे.
सरकारी था सीएम का उपवास!
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