हमीरपुर. जिला के पट्टा क्षेत्र के लडवीं गांव के गोरख राम अब नहीं रहे. इस क्षेत्र के सबसे बुजुर्ग गोरख राम की मृत्यु 114 साल की उम्र में हुई. इतनी उम्र होने के बावजूद गोरख राम ने न तो कभी वोट डालने का सिलसिला तोड़ा और न ही सुबह की सैर छोड़ी. यहां तक कि उन्हें चश्मा लगाने की जरूरत भी कभी नहीं पड़ी.
आजाद भारत के हर चुनाव में वोट डालने वाले गोरख राम इस बार भी विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए तैयार थे. लेकिन इनका यह सपना पूरा न हो सका. आसपास के गांवों में सबसे उम्र दराज़ गोरखराम इतने जागरूक थे कि उन्हें यह जानकारी थी कि अभी चुनाव होने वाले हैं. गोरखराम अपने परिवार की पांच पीढ़ी देख चुके थे.
पेशे से किसान एवं समाजसेवा को अपना धर्म मानने वाले गोरखराम के चार बेटों में से दो की पहले ही मृत्यु हो चुकी है. गोरखराम का परिवार उनकी मृत्यु से दु:खी हैं.
सोनिया गांधी ने गले में डाला था हार
गोरखराम के पोते विनोद कुमार के अनुसार एक बार जब कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी रोड शो करते हुए पट्टा से जा रही थी तो वाहन से उतर कर बुर्जुग गोरखराम के गले में हार डाला था. गोरखराम का अंतिम संस्कार वीरवार को सुबह किया जाएगा. पट्टा क्षेत्र के सबसे उम्र दराज व्यक्ति के निधन पर पूरे गांव में शोक है.