धर्मशाला. रामसर वेटलैंड पौंग झील में अभी तक 11 प्रजातियों के लगभग 16 हजार प्रवासी परिंदों ने दस्तक दी है. पौंग झील में हर साल सर्दियां शुरू होते ही साईबेरिया, चीन, रूस, इंडोनेशिया, मध्य एशिया आदि देशों से पक्षी आते हैं. इन देशों में बर्फ पड़ने से वहां विचरने वाले पक्षी अनुकूल वातावरण के लिए मैदानी इलाकों की ओर रुख करते हैं.
पसंदीदा खाना मिलता है
पौंग झील क्षेत्र में इनके लिए अनुकूल वातावरण व पसंदीदा खाना मिलता है. इस कारण करीब 256 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी लाखों की संख्या में यहां हर साल आते हैं. अक्टूबर से मार्च तक अपनी अठखेलियों से ये पक्षी सैलानियों को आकर्षित करते हैं. अभी तक अनुमानित गणना के मुताबिक पौंग झील में वारहेडिड गीज, ग्रे लैग गीज, नार्दन शावलर, नार्दन पिंटेल, कॉमन पौचार्ड, टफटेड डक, रूढ़ी शल डक, ब्लैक हेडिड गल, पालास गल व कॉमन टिल प्रजातियों के लगभग 16 हजार प्रवासी पक्षी झील में दस्तक दे चुके हैं. इस बार सर्दियां अभी शुरू ही हुई हैं.
नवंबर अंत तक प्रवासी पक्षियों की संख्या एक लाख से भी ज्यादा होने की आसार
विभाग का मानना है कि जिस तरह भारी संख्या में प्रवासी पक्षियों की आमद शुरू हुई है, उससे नवंबर अंत तक प्रवासी पक्षियों की संख्या एक लाख से भी ज्यादा होने के आसार हैं. बीते साल पौंग झील में लगभग एक लाख तीस हजार प्रवासी पक्षियों ने दस्तक दी थी.
पिछले वर्ष क लाख सत्ताइस हजार से ज्यादा प्रवासी पक्षी यहां पहुंचे थे
ओ.पी सोलंकी मुख्य आरण्यपाल उत्तरी वन्य प्राणी विभाग धर्मशाला ने बताया कि पौंग झील में हर साल सर्दियां शुरू होते ही साईबेरिया, चीन, रूस, इंडोनेशिया, मध्य एशिया से प्रवासी पक्षी आने शुरू हो जाते हैं. उनकी विभाग हर सप्ताह माॅनिटरिंग कर रहा है. 14 नवम्बर तक लगभग 16 हजार के करीब प्रवासी पक्षी यहां पहुंच चुके हैं. जैसे जैसे टेम्प्रेचर कम होता जाएगा. वैसे वैसे इनकी तादाद भी बढ़ती जायेगी. पिछले वर्ष एक लाख सत्ताइस हजार से ज्यादा प्रवासी पक्षी यहां पहुंचे थे.