शिमला: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए लगातार कोशिश जारी है.
प्रदेश सरकार राज्य में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को हरित ऊर्जा राज्य की तरफ बढ़ा रही है. मुख्यमंत्री सुक्खू ने मूल उपकरण निर्माता कंपनियों से हिमाचल के लिए विशेष रूप से उपयुक्त ई-बसें बनाने को कहा है.
जनता को बेहतर सुविधा देना सरकार का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-बसों में प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप लोडिंग क्षमता और सामान रखने की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए. धर्मशाला में ओईएम कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को बेहतर और आरामदायक परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से बदलने की योजना
सीएम सुक्खू ने कहा कि टाइप 1, 2 और 3 ई-बसों को चरणबद्ध तरीके से अपनाया जा रहा है, ताकि 31 मार्च, 2026 तक स्वच्छ व हरित ऊर्जा राज्य बनने का लक्ष्य पूर्ण किया जा सके. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ई-बस खरीद के लिए निविदाएं शीघ्र ही जारी की जाएंगी. इसमें आपूर्ति के लिए समय सीमा सख्ती से लागू की जाएगी. लागत अनुकूलित करने और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए राज्य ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की 1 हजार 500 डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से बदलने की योजना बनाई है.
हिमाचल में जल्द तैयार होंगे ग्रीन कॉरिडोर
- परवाणू-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-संसारपुर
- पांवटा-नाहन-सोलन-शिमला, परवाणू-सोलन-शिमला-रामपुर- लोसर
- मंडी-जोगिंदरनगर-पालमपुर-धर्मशाला-कांगड़ा-पठानकोट
- किरतपुर-बिलासपुर-मंडी-मनाली-केलांग-जिंगजिंगबार