हमीरपुर. जब से हिमाचल के चुनाव में भाजपा के सीएम पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल चुनाव हारे हैं तब से सीएम पद कौन संभालेगा इसे लेकर भाजपा में काफी हलचल पैदा ही गयी है. कुछ विधायक धूमल को सीएम बनाना चाहते हैं. इस कड़ी में ब्राह्मण महापंचायत व एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि गुजरात चुनाव के बाद भाजपा को अपनी गिरती छवि, गिरते मैजिक को बचाना होगा और इस वक्त हिमाचल में उनकी अग्निपरिक्षा है.
धूमल को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव से पूर्व हिमाचल का सीएम घोषित किया था. लेकिन धूमल चुनाव हार गए उनकी हार कोई मायने नहीं रखती जब योगी को सांसद होते हुए सीएम बनाया जा सकता है, यही नहीं दिनेश शर्मा को बिना सांसद व विधायक होते हुए भी उत्तर प्रदेश का डिप्टी सीएम बनाया गया. ऐसे में धूमल को यदि मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता तो इससे पूरे देश में मोदी की छवि खराब होगी और हिमाचल व देश में यह संदेश जाएगा कि मोदी व अमित शाह ने प्रो. प्रेम कुमार धूमल व हिमाचल देवभूमि के साथ धोखा किया है.
शांडिल्य ने भारत के प्रधानमंत्री को कहा कि भाजपा ने जो गुजरात में प्रदर्शन किया है. उसमें 16 सीटें ऐसी है जिसमें कांग्रेस 500 से 600 वोटों के अंतर से हारी और यदि मोदी न होते तो गुजरात में बीजेपी नही आती इसी तरह यदि भाजपा धूमल को चुनाव से पूर्व सीएम घोषित न करती तो हिमाचल में भाजपा की स्थिति कमजोर थी.
शांडिल्य ने चेतावनी दी कि यदि धूमल को सीएम न बनाया गया तो ब्राह्मण महापंचायत भाजपा की इस धोखेबाज नीति का देश में प्रचार करेगी. लोकसभा चुनावों में भी भाजपा के धूमल के साथ किए धोखे को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा. जब अरुण जेटली लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री बन सकते है तो प्रो. प्रेम कुमार धूमल भी हिमाचल के सीएम क्यों नहीं बन सकते. मोदी की लोकप्रिय नेता है व देश में अपनी छवि को मजबूत करें. उन्होंने पार्टी का संविधान यह नहीं कहता कि हारे हुए उम्मीदवार को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता जबकि धूमल के लिए भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक वीरेंद्र कुंवर सीट खाली करने के लिए तैयार है.