सोलन. जिले में डेंगू के 48 मामले अभी तक सामने आ चुके हैं. इसी के साथ स्क्रब टायफस के लक्षणों की भी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग मरीजों की जांच कर रहा है. आशंका है कि डेंगू सहित स्क्रब टायफ़स फैलने का खतरा बढ़ गया है. सबसे अहम बात यह है कि डेंगू के 48 मामले औद्योगिक क्षेत्र परवाणु में सामने आ चुके है. परवाणु के साथ लगते गाँव कामली के बाद अब नालागढ़ भी इसकी चपेट में आ चुका है. इससे साफ है कि स्वच्छता के दावे करने वाली सरकार के दावे परवाणु क्षेत्र में खोखले नजर आ रहे हैं. क्योंकि जानकारी के अनुसार डेंगू पनपने की असली वजह एक जगह एकत्रित साफ पानी है. जिससे डेंगू के मच्छर पैदा होते हैं. यह भी आंशका जताई जा रही है कि डेंगू के मामले और अधिक बढ़ सकते है.
इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर.के. धरोच ने डेंगू के मामलों की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि नगर परिषदों को खास तौर पर ऐसे स्थानों पर दवाई का छिड़काव करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग से जारी किये गये हैं. बुखार का कोई भी मरीज़ जो अस्पताल में पहुंच रहा है उसकी डेंगू की जांच मुफ्त में की जा रही है. इसके साथ ही स्क्रब टायफ़स के भी परीक्षण किये जा रहे हैं. मुफ्त परीक्षण के साथ इलाज भी मुफ्त किया जा रहा है.
6 टीमों का किया गठन
मालूम हो कि शहर में डेंगू के बढ़ते डंक को रोकने के लिए प्रशासन ने 6 टीमों का गठन किया हैं, जिसमें सभी विभागों के अधिकारियों को शामिल किया गया हैं. यह सभी टीमे अपने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत डेंगू से निपटने की कोशिश करेंगे. इस टीम में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी शहर में लाऊड़ स्पीकर के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहें हैं. डेंगू के लक्षण व रोकथाम के उपाय बता रहें हैं. लेकिन देखना होगा कि ये उपाय कितने कारगर साबित होते हैं.