शिमला. हिमाचल प्रदेश सरकार 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है इसके बाद एक बार फिर सरकार ने 500 करोड़ का ऋण लेने को तैयार है. जिसे लेकर बीजेपी ने वीरभद्र सरकार पर हमला बोला है. हिमाचल के बीजेपी उपाध्यक्ष गणेश दत्त ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार की ऋण लेने की सीमाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं लेकिन सरकार कर्ज लेने का सिलसिला जारी रखे हुए है.
हिमाचल प्रदेश सरकार का ऋण लेने का रिकाॅर्ड बन चुका है और सीएजी के दिए गए निर्देशों को भी पार कर ऋण लेने का क्रम जारी है. उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे छोटे राज्य के लिए 50 हजार करोड़ का कर्जा किसी बड़ी त्रासदी से कम नहीं है और इसके बाद 500 करोड़ का कर्ज जो आने वाले समय में प्रदेश की जनता के लिए एक अभिशाप बनकर आने वाली है.
बीजेपी उपाध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार अपनी फिजूलखर्ची को रोकने में पूरी तरह असफल साबित हुई है और हिमाचल प्रदेश का विकास पूरी तरह से ठप हुआ है.
हिमाचल प्रदेश की सरकार चारवाक के सिद्धांत पर चल रही है चारवाक ने कहा था कि ’जब तक जीओ मौज मस्ती से जीओ, ऋण लो घी पीओ’ उसी सिद्धांत पर प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार चली है और अंत समय में भी उसी सिद्धांत पर चल रही है.
बीजेपी उपाध्यक्ष ने कहा कि अभी नये बजट को आने में चार महीने का समय बाकी है और प्रदेश की सरकार ऋण लेने की सभी सीमाओं को पार कर चुकी है तो आने वाले समय में कर्मचारियों का वेतन देना भी कठिन हो जाएगा और हिमाचल प्रदेश को आर्थिक आपातकाल का सामना भी करना पड़ेगा.