शिमला. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज यहां राजभवन में आयोजित अलंकरण समारोह में हिमाचल प्रदेश पुलिस, गृह रक्षा तथा अग्निशमन विभागों के 67 कर्मियों को विशिष्ट सेवाओं के लिये मैडल तथा चार जीवनरक्षा पदक प्रदान किए। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राज्यपाल ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि देशवासियों को इनकी बहादुरी पर गर्व है तथा इनके द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों से अन्यों को भी प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे बहादुर अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कारण ही हम समाज की हर चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं। उन्होंने विभाग से इस तरह के कार्यक्रम को प्रतिवर्ष आयोजित करने को कहा।
जीवनरक्षा पुरस्कार से सम्मानित कुमारी शिल्पा शर्मा की बहादुरी की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि अपने जीवन की परवाह किए बिना कुमारी शिल्पा ने तेंदुए के मूंह से अपने भाई की जान बचाकर जिस अदम्य साहस का परिचय दिया, वह दूसरों के लिये उदाहरण है। ऐसी मिसालें ही समाज को प्रेरणा देती हैं।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक के 6 तथा गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा के 2 पदक प्रदान किए। सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक के लिए 27 विजेताओं को सम्मानित किया गया। सराहनीय कार्य के लिये अग्निशमन सेवा व गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा पदक के 26 कर्मियों को अलंकृत किया गया। इसके अतिरिक्त, जीवन रक्षा के लिये सुशील कुमार, फैयाज अहमद, शिल्पा शर्मा तथा दिनेश कुमार को भी पदक प्रदान किए गए।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने हाल के दिनों में प्रदेश में नशे की वजह से घटी कुछ वारदातों का ज़िक्र करते हुए कहा कि हर अपराध की जड़ नशा है जिससे भावी पीढ़ी को सचेत करने की हमें आवश्यकता है। उन्होंने आह्वान किया कि प्रत्येक व्यक्ति नशामुक्त प्रदेश के अभियान को आगे बढ़ाए। आचार्य देवव्रत ने कहा कि हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है जिसे हासिल करने में हमारे पूर्वजों के महान आदर्श व सिद्धांत थे। इसलिये देवभूमि की सार्थकता बनाए रखने के लिये हमें अच्छे समाज का आदर्श प्रस्तुत करना होगा। अनुशासित प्रांत की छवि को आगे बढ़ाना है जिसके लिये केवल सरकार पर निर्भर न रहकर प्रत्येक नागरिक को अपना योगदान देना चाहिए।