नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर आज अपना फैसला सुना दिया है. मुख्य न्यायधीश जस्टिस खेहर की अध्यक्षता वाली टीम इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए इस पर छः महीने की रोक लगा दी है और केंद्र सरकार से कहा है कि इस मामले पर सरकार संसद में कानून बनाये.
आपको बता दें कि जस्टिस खेहर के अलावा उनकी टीम में न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर शामिल हैं. इस पीठ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सभी सदस्य अलग –अलग धर्मों से ताल्लुक रखते हैं.
मुस्लिम समाज में तीन तलाक की परंपरा 1400 वर्षों से चली आ रही है. इससे पहले इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने 12 मई से 18 मई के बीच लगातार छः दिन तक इस मामले की सुनवाई की थी, उसके बाद इस फैसले को सुरक्षित रखा गया था.