मंडी. भारत ने आज अपने एक सच्चे नायक को खो दिया है. भारत-तिब्बत सीमा विवाद के नायक रहे सीआरपीएफ से रिटायर डीएसपी रूप चंद राणा का गुरुवार को निधन हो गया. 95 वर्ष के रूप चंद राणा पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. विधायक एवं स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने उनके निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है.
राणा, तिब्बत सीमा के अलावा चीन की सीमा और लेह लद्दाख के सियाचिन क्षेत्र में भी अपनी बहादुरी का लोहा मनवा चुके हैं. 1923 में रीगढ़ गांव में जन्में रूप चंद राणा वर्ष 1942 में सीआरपीएफ में नायक के पद पर भर्ती हुए थे. उस समय देश आजादी की जंग भी लड़ रहा था.
वर्ष 1959 में भारत-तिब्बत सीमा विवाद में बतौर डीएसपी के पद पर रहते हुए रूप चंद राणा ने सीमा विवाद को भारत के पक्ष में करने में अहम भूमिका निभाई थी. रूप चंद राणा सीआरपीएफ से डीएसपी के पद से वर्ष 1972 में रिटायर हुए.
रूप चंद राणा के परिवार की भूमिका देश भक्ति को कुर्बान रही है. सात में से पांच भाई भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं. वे मरते दम तक हर परेशानियों का बखूबी सामना किया. गुरूवार को डीएसपी रूप चंद राणा का उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया.