मंडी (सैण अलाथू पंचायत). हिमाचल प्रदेश में अभी भी कई ऐसे इलाके हैं जहां बच्चों को रोजाना उफनती नदी को पार करके स्कूल जाना पड़ता है. सैण अलाथू पंचायत में पुल निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही है लेकिन अभी तक यहां पुल नहीं बनाया जा सका है. हालांकि पुल का एस्टीमेट बन गया है और अब बजट के आने का इंतजार है.
स्कूली बच्चों से लेकर स्थानीय निवासियों को रोजाना जान जोखिम में डालकर उफनती नदी को पार करना पड़ता है. सैण अलाथू पंचायत के साई और अलाथू गांव में लगभग 300 की आबादी रहती है. यहां के बच्चों को पढ़ने के लिए रत्तीपुल और रंधाड़ा जाना पड़ता है. भले ही बच्चे घर से नहा-धोकर स्कूल के लिए निकलते हों, लेकिन रास्ते में उन्हें रत्ती नदी के बहते पानी में आधा तो नहाना ही पड़ता है.
यदि जान जोखिम में डालकर नदी को पार नहीं करना है तो फिर दस किलोमीटर का चक्कर काटकर रंधाड़ा पहुंचना पड़ता है. अभिभावक हर सुबह बच्चों को नदी पार करवाकर स्कूल भेजते हैं और शाम को वापस घर पहुंचाते हैं. गांव वालों ने बताया कि यहां पर पुल की मांग लंबे समय से की जा रही है लेकिन यह मांग अभी तक पूरी नहीं हो सकी है.
सैण अलाथू पंचायत की प्रधान कौरा देवी ने बताया कि पुल निर्माण का एस्टीमेट तैयार करके मंजूरी के लिए सरकार को भेज दिया गया है और पैसा आते ही पुल बनाना शुरू कर दिया जाएगा.
सैण अलाथू पंचायत के लोगों को उस पल का बेसब्री से इंतजार है जब यहां पर पुल का निर्माण होगा और उन्हें रोजाना बच्चों को नदी पार नहीं करवाना पड़ेगा.