शिमला. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को शिमला में आयोजित राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठक में बतौर अध्यक्ष शामिल हुए. यहां उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं से बचने तथा अनेक बहुमूल्य जिंदगियों को बचाने के लिए पूरे राज्य में सड़कों पर ब्लैक स्पॉट की पहचान की जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी जिले के धर्मपुर बस अड्डे पर हुए हादसे की जांच रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. उन्होने कहा कि वर्षा तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान को पूरा करने के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 31 अगस्त, 2017 तक उपायुक्तों तथा अन्य विभागों को 193.23 करोड़ रुपये (63.23 करोड़ एनडीआरएफ तथा 130 करोड़ एसडीआरएफ) की राशि जारी की गई है.
उन्होंने कहा कि 30 अगस्त, 2017 तक राज्य में कुल 634.87 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. वर्तमान मॉनसून के दौरान 289 लोगों ने जानें गंवाई, जिनमें से 68 लोगों की मौत प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई. जबकि 221 की मौत दुर्घटनाओं के कारण हुई है.
वीरभद्र सिंह ने कहा कि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करने वालों के विरुद्ध पुलिस द्वारा कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है. रात के समय शराब परीक्षण किया जाना चाहिए. इस सम्बन्ध में प्रदेश भर में जागरूकता अभियान शुरू किया जाना चाहिए. इस अवसर पर सीएम ने पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया.
यहां मौजूद राजस्व मंत्री कौल सिंह ने कोटरूपी भू-स्खलन प्रभावितों के राहत एवं पुनर्वास की दिशा में उठाए गए प्रभावी कदमों के लिए प्रशासन की सराहना की. उन्होंने कहा कि भू-स्खलन संभावित स्थलों का पता लगाया जाना चाहिए और इन्हें रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए. उन्होंने आपदा प्रबन्धन के लिए सूचना, शिक्षा तथा संचार पर बल देने की बात कही.