शिमला. नई सरकार के गठन के बाद अब शिमला में नगर निगम के चुनाव होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के 5 वार्डों के पुनर्गठन को लेकर जारी किए गए आदेशों पर रोक लगा दी है. राज्य चुनाव आयोग अब शिमला नगर निगम के 5 वार्डों की मतदाता सूची को अपग्रेड करने का काम शुरू करेगा.
प्रदेश उच्च न्यायालय ने शिमला नगर निगम के 5 वार्डों के पुनर्गठन पर स्टे लगाया था. इससे मतदाता सूची का काम रुक गया था और चुनाव नहीं हो पाए. प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस संबंध में 2 बार आदेश जारी किए थे.
प्रदेश उच्च न्यायालय के इन आदेशों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की. इस पर सुप्रीम कोर्ट में राज्य निर्वाचन आयोग के हक में फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब आयोग 5 वार्डों की मतदाता सूची को अपग्रेड करने का काम जल्द शुरू करेगा. इसके बाद चुनाव कराए जाएंगे.
नई सरकार के गठन के बाद हो सकते हैं निगम चुनाव
प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद कभी भी शिमला नगर निगम का चुनाव हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट से आदेश की लिखित कॉपी मिलने के बाद आयोग मतदाता सूची को अपग्रेड करने का अपना काम शुरू कर देगा. जिन 5 वार्डों की मतदाता सूची को अपग्रेड किया जाना है, उनमें नाभा, फागली, टूटीकंडी, बालूगंज और समरहिल वार्ड शामिल हैं. इनकी मतदाता सूची को अपग्रेड किया जाना है.
शिमला नगर निगम का कार्यकाल 18 जून 2022 को पूरा हो गया है. मामला हाईकोर्ट में जाने की वजह से राज्य चुनाव आयोग चुनाव नहीं करवा पाया. अब चुनाव के लिए 6 महीने का समय ऊपर हो गया है. राज्य सरकार ने उपायुक्त को निगम का प्रशासक नियुक्त किया है. अब सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के ऑर्डर पर लगी रोक के बाद आयोग चुनाव की तैयारी में जुट जाएगा.
मार्च 2023 में चुनाव होने की संभावना
5 वोटों की मतदाता सूची को अपग्रेड करने के बाद मुमकिन है कि शिमला नगर निगम के चुनाव मार्च 2023 में हों. इसके कई कारण हैं. स्कूलों में शीतकालीन अवकाश के चलते शहर के सभी स्कूल 31 दिसंबर को बंद हो जाते हैं. ऐसे में लोग शिमला छोड़कर अपने गांव चले जाते हैं. दूसरा बड़ा कारण जनवरी-फरवरी में बर्फ गिरने की संभावना के चलते भी चुनाव मार्च में हो सकते हैं.
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग सुरजीत राठौर ने माना कि शिमला नगर निगम के 5 वार्डों के पुनर्गठन पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की लिखित कॉपी मिलने के बाद आयोग अपनी अगली कार्रवाई शुरू करेगा