शिमला. विधानसभा चुनावसों में मिली हार के बाद भाजपा संगठन में बदलाव तय माना जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष के अलावा अब हिमाचल भाजपा के लिए नए अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है. आगामी 18 जनवरी को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप का कार्यकाल पूरा हो जाएगा.
प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए 4 नाम रेस में आगे
नए प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सांसद इंदु गोस्वामी, सिकंदर कुमार, राकेश जम्वाल और रणधीर शर्मा के नाम पर चर्चा हो रही है. पार्टी अध्यक्ष के साथ संगठन महामंत्री के पद पर भी अब कोई नई नियुक्ति हो सकती है.
चुनाव में मिली हार के बाद बदलाव तय
प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद पार्टी में बदलाव भी तय माना जा रहा है. पार्टी अध्यक्ष के साथ संगठन महामंत्री के पद पर भी अब कोई नई नियुक्ति हो सकती है.
हिमाचल में इस पद को काफी लंबे समय से पवन राणा संभाल रहे हैं. हालांकि संगठन महामंत्री के लिए कोई कार्यकाल तय नहीं है. इसके बावजूद उनके लंबे कार्यकाल को देखते हुए अब किसी और नियुक्ति का इंतजार पार्टी में है.
कश्यप के कार्यकाल में कई बार हारी भाजपा
भाजपा ने 2020 में राजीव बिंदल को हटाकर सांसद सुरेश कश्यप को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया. उनके कार्यकाल के दौरान हिमाचल में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. इसमें 2021 में हुए 3 विधानसभा और एक लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार शामिल है.
चारों उपचुनाव भाजपा हार गई. इस बीच हिमाचल में 4 नगर निगम के चुनाव हुए, जिसमें भाजपा को सिर्फ एक नगर निगम मंडी में जीत मिली. पंचायत चुनाव में भी भाजपा का अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा. अब विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा.
चुनावी हार की भी समीक्षा करेगी भाजपा
इन्हीं बदलावों के बहाने भाजपा हिमाचल में हुई चुनावी हार की भी समीक्षा करेगी. अभी तक पार्टी सिर्फ वोट शेयर के आधार पर अच्छा चुनाव लड़ने की बात कर रही हो, लेकिन जिस तरह से विधानसभा चुनाव में बागियों ने भाजपा की लुटिया डुबोई है, इस मसले को इतनी आसानी से नहीं छोड़ा जा सकता. हिमाचल भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के संकेतों का इंतजार कर रहे हैं, जो राज्य में संगठन से खुश नहीं है.
2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी ऐसे नेता को अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकती है, जो संगठन को मजबूती के साथ आगे ले जा सके. पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अगर नेता प्रतिपक्ष नहीं बनते हैं तो पार्टी उन्हें भी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं. वह पहले भी पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं.