शिमला. बारिश बर्फबारी नहीं होने से हिमाचल में खाद्य संकट गहरा सकता है. मौसम की बेरुखी के कारण हिमाचल में 28000 मीट्रिक टन अनाज सूखे की भेंट चढ़ गया है. लाहौल स्पीति और किन्नौर जिला को छोड़ हिमाचल के सभी 10 जिलों में फसलें सूखे की भेंट चढ़ी है. कृषि विभाग ने सूखे के कारण फसलों को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेज दी है.
बारिश न होने से 28 टन अनाज खराब
बारिश ना होने के कारण हिमाचल में गेहूं की फसल पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. समय पर बारिश ना होने से 15182 मेट्रिक टन गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. हिमाचल में 326289 हेक्टेयर एरिया में गेहूं की पैदावार की जाती है. बारिश ना होने के कारण 83644 हेक्टेयर एरिया प्रभावित हुआ है.
सूखे के कारण 33% फसल प्रभावित
समय पर बारिश ना होने के कारण दालों की खेती पर भी बुरा असर पड़ा है. हिमाचल में 10617 हेक्टेयर एरिया में दालों की खेती की जाती है. बारिश ना होने के कारण 891 हेक्टर एरिया प्रभावित हुआ है. इसमें 33% से ज्यादा की फसल सूखे की भेंट चढ़ गई है. दालों की पैदावार ना होने से 2.93 करोड रुपए का नुकसान आंका गया है.
बारिश न होने से 28.50 करोड रुपए की सब्जियां बर्बाद
सूखे का असर अनाज पर ही नहीं बल्कि सब्जियों और तिलहन की पैदावार पर भी पड़ा है. विभाग की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में 41278 हेक्टेयर एरिया में सब्जियों और तिलहन की पैदावार होती है. बारिश के अभाव में 6947 हेक्टेयर एरिया प्रभावित हुआ है. इसमें 70 हेक्टर एरिया में 33% से कम पैदावार पर असर पड़ा है.