शिमला. पर्यटन नगरी मनाली में हिमाचल का पहला इको फ्रेंडली सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा. मनाली शहर के आसपास की करीब सात पंचायतों को सीवरेज से जोड़ने के लिए 369 करोड़ की सीवरेज एवं पेयजल योजना मंजूर हुई है. यह योजना सिक्वेंसिल बैच रियेक्टर (एसबीआर) प्रणाली के तहत बनाई जाएगी. प्रदेश में इस तरह की प्रणाली से बनने वाली यह पहली योजना है.
इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से प्रदूषण की मात्रा न के बराबर होगी
इस प्रणाली की खास बात यह है कि इससे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में प्रदूषण की मात्रा न के बराबर होगी. प्रदेश में अब तक साधारण तकनीक से ट्रीटमेंट प्लांट बने हैं. साधारण ट्रीटमेंट प्लांट की बीओडी (बॉयोलॉजिकल ऑफिशियंसी ऑक्सीजन) 30 पीपीएम तक रहती है, लेकिन इसकी बीओडी दस पीपीएम से अधिक नहीं होगी.
इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर 369 करोड़ का बजट खर्च होगा
पहले चरण में सीवरेज लाइन बिछाने के लिए करीब सौ करोड़ का टेंडर पास हो गया है. जल्द इसका कार्य शुरू होने की उम्मीद है. इससे ओल्ड मनाली, चचौगा, प्रीणी, जगतसुख, नसोगी, गदेरनी, वशिष्ठ आदि इलाकों से हजारों की आबादी को फायदा होगा. पहले चरण में सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य किया जाएगा. दूसरे में पेयजल लाइन और तीसरे चरण में सीवरेज ट्रीटमेंट का कार्य होगा. इस पर 369 करोड़ का बजट खर्च होगा.
योजना बनने के बाद मनाली शहर के अलावा आसपास की सात पंचायतों की 50 हजार से अधिक आबादी को फायदा होगा. साथ ही इन इलाकों में बने होटल भी सीवरेज से जुड़ जाएंगे. जलशक्ति विभाग की मानें तो गोजरा बिहाल में करीब 17 एमएलडी की क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा.
यह परियोजना पूरी तरह से इको फ्रेंडली होगी
हिमाचल प्रदेश में सिक्वेंसिल बैच रियेक्टर प्रणाली का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण मनाली में होगा. इस प्लांट से प्रदूषण की संभावना बेहद कम होगी. जलशक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता अरुण शर्मा ने कहा कि यह परियोजना पूरी तरह से इको फ्रेंडली होगी.