गुवाहाटी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पायलट रूप में नजर आईं. राष्ट्रपति मुर्मू अपनी पारंपरिक पोशाक साड़ी की जगह एयरफोर्स पायलट की पोशाक पहने नजर आईं. यह नजारा था असम के तेज एयरफोर्स स्टेशन का, जहां राष्ट्रपति ने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान सुखोई से उड़ान भरी. राष्ट्रपति तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर हैं.
राष्ट्रपति मुर्मू ने सुखोई-30 में भरी उड़ान
राष्ट्रपति मुर्मू ने सुखोई के एमके-30आई से उड़ान भरी. यह दो सीटों वाला लड़ाकू विमान है, जिसे रूस ने विकसित किया है. उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद राष्ट्रपति मुर्मू के सुखोई विमान ने तेजपुर स्टेशन पर सुरक्षित लैंडिंग की. इसके साथ ही द्रौपदी मुर्मू ऐसा करने वाली भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति बन गई हैं. उनके पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल सुखोई में उड़ान भर चुकी हैं. उन्होंने 2009 में पुणे वायु सेना बेस से सुखोई फाइटर जेट में उड़ान भरी थी.
तीन दिवसीय दौरे पर असम में हैं राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिन के असम दौरे पर हैं. महामहिम 6 अप्रैल को असम पहुंची थीं. पहले दिन उन्होंने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का उद्घाटन किया. इसके बाद 7 अप्रैल को राष्ट्रपति ने माउंट कंचनजंगा अभियान-2023 को हरी झंडी दिखाई. शुक्रवार को दो दिवसीय गज महोत्सव का उद्घाटन किया और उसके बाद गुवाहाटी उच्च न्यायालय के 75 साल पूरे होने पर आयोजित जश्न में शामिल हुईं.
शनिवार को गुवाहाटी से राष्ट्रपति तेजपुर स्थित एयर फोर्स स्टेशन पहुंची. यहां पर एयर मार्शल एसपी धारकर ने सुप्रीम कमांडर का स्वागत किया. देश के राष्ट्रपति पद पर आसीन होने के बाद द्रौपदी मुर्मू का असम का यह दूसरा दौरा है. राष्ट्रपति के पहुंचने पर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ट्वीट कर स्वागत किया है.
सबसे पहले राष्ट्रपति कलाम ने फाइटर जेट्स की उड़ान भरी थी
वायुसेना के फाइटर जेट्स में उड़ान भरने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम देश के पहले राष्ट्रपति थे. राष्ट्रपति कलाम ने 8 जून 2006 में सुखोई से उड़ान भरी थी.
निर्मला सीतारमण ने भी भरी थी उड़ान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 17 जनवरी 2018 में सुखोई 30 एमकेआई में उड़ान भरी थी. उस समय वे रक्षा मंत्री थी. जोधपुर एयरबेस से 2100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले सुखोई 30 MKI से 8 हजार मीटर से ज्यादा ऊंची उड़ान भरी थी. वे करीब 45 मिनट आसमान में रहीं थीं.