सिरमौर (शिलाई). विधानसभा क्षेत्र के विधायक बलदेव तोमर ने प्रेस कांफ्रेस में हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमराने समेत कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. उनके मुताबिक, प्रदेश में सभी विभागों के अधिकारी कांग्रेसी नेताओं के इशारे पर कार्य कर रहे हैं और गरीब तबके लोगों पर अनचाहे केस बनाए जा रहे है.
उन्होने आरोप लगाया कि कोटखाई गुड़िया रेप केस ने पूरे हिमाचल को झकझोर कर रख दिया. उसी तरह शिलाई क्षेत्र में नेतर-बबली हत्याकांड ने भी पूरे प्रदेश की कार्य प्रणाली को कटघरे मे ला खड़ा किया है. फर्क सिर्फ इतना है कि शिलाई वासियों ने शांति से प्रदेश सरकार के सामने इन्साफ कि मांग रखी और कोटखाई मे लोगो ने आंदोलन का रास्ता अपनाया लेकिन इस शांति के रास्ते का खामियाजा उन्हे इस तरह भुगतना पड़ा कि शिलाई के बेटी की फ़ाइल ही सरकार ने बन्द कर दी है.
मेरे पास हर रिकॉर्ड मौजूद है
बलदेव तोमर के मुताबिक, वह नेतर-बबली के गुमशुदा होने पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने से लेकर उनकी लाश मिलने, पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार कराने तक उनके परिजनों के साथ खड़े रहे. वह लगातार सिरमौर पुलिस व प्रशासन के सम्पर्क में रहे. लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण उन्हें केस के बाबत सही जानकारी नहीं दी गई. इस मामले को प्रदेश मुख्यमंत्री के सामने भी रखा गया. विधानसभा सत्र में भी उठाया गया. लेकिन प्रदेश सरकार ने मामले को हमेशा दबाने की कोशिश की है.
बलदेव तोमर ने कहाकि नेतर-बबली केस को लेकर विधानसभा में मेरे द्वारा उठाया गया हर रिकॉर्ड मौजूद है. मामले में सरकार से सीबीआई से जाँच की माग भी की थी परन्तु यह पूर्व विधायक हर्षवर्धन और प्रदेश सरकार की मिलीभगत है कि एक साल बीत जाने के बाद भी यह केस सीबीआई को नही सौंपा गया है।
तोमर ने पूर्व विधायक हर्षवर्धन से जवाब मांगा कि वह क्षेत्र की जनता को बतायें कि उनकी सरकार ने अभी तक सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाई? शिलाई क्षेत्र की जनता जानना चाहती है कि आखिर इस केस में प्रदेश सरकार किसको बचाना चाहती है?