शिमला. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इन दिनों शिमला के दौरे पर हैं. राष्ट्रपति मुर्मु ने ऐतिहासिक भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान यानी एडवांस स्टडी, शिमला का दौरा किया. इस दौरान उनके परिवार जन भी उनके साथ मौजूद रहे. हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रसाद शुक्ला, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, संस्थान के उच्चाधिकारियों और अन्य गणमान्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति महोदया की अगुवाई की.
सर्वप्रथम राष्ट्रपति ने संस्थान के अध्येताओं, सह-अध्येताओं व अधिकारियों के साथ मुख्य भवन के सामने तस्वीर खिंचवाई. उसके बाद संस्थान के उच्चाधिकारियों जिनमें संस्थान के शासी निकाय की अध्यक्ष प्रो. शशि प्रभा कुमार, उपाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र राज मेहता, संस्थान के निदेशक प्रो नागेश्वर राव व सचिव सुब्रत कुमार प्रधान ने माननीय राष्ट्रपति महोदया का स्वागत-सत्कार किया.
रिज के साथ मालरोड पर टहले परिजन
इसके बाद राष्ट्रपति को भवन की पुरातात्विक व ऐतिहासिक जानकारी प्रदान की गई व तीन चित्र प्रदर्शनियों को देखने के बाद उन्होंने संस्थान के पुस्तकालय का दौरा किया. पुस्तकालय देखने के बाद राष्ट्रपति ने वायसरॉय के कमरों का अवलोकन किया. इसके बाद राष्ट्रपति ने संस्थान के अध्येताओं व सह-अध्येताओं से संस्थान की अकादमिक गतिविधियों और शोध के बारे में बात की. अंत में राष्ट्रपति ने संस्थान के उज्ज्वल भविष्य की कामनाओं के साथ संस्थान से प्रस्थान किया. उधर, राष्ट्रपति के स्वजन मालरोड व रिज मैदान पर भी टहले.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रसिद्ध हनुमान मंदिर जाखू में नवाया शीश
उनके साथ सुरक्षा का पूरा घेरा था. इसके बावजूद वे लोग इस पर्यटन स्थल में टहलने का पूरा आनंद ले रहे थे. इसके बाद राष्ट्रपति जाखू मंदिर में दर्शन करने के लिए गईं. उन्होंने जाखू मंदिर में शीश निवाया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जाखू से लेकर यहां बने पार्क में फोटो खिंचवाएं. इससे पहले उन्होंने मंदिर में विशेष पूजा की.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संस्थान की आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने लिखा कि मैं भारत के अग्रणी शोध संस्थान, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, जो मानविकी, समाज शास्त्र और प्राकृतिक विज्ञानों जैसे विषयों पर उच्च गुणवत्तायुक्त अकादमिक शोध को बढ़ावा दे रहा है, मै आकर बहुत प्रसन्न हूं. मुझसे पूर्व समकक्ष व प्रसिद्ध विद्वान डा. राधाकृष्णन द्वारा स्थापित यह संस्थान, शोध और वैचारिक आदान-प्रदान के द्वारा रचनात्मक वैचारिक प्रवाह व उन्मुक्त शोध को प्रोत्साहित करता है. मैं सभी शोधार्थियों, अधिकारियों व कर्मचारियों को संस्थान के उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं.