जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के आरोपों का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धौलपुर का भाषण सुना, उसे सुनकर ऐसा लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं, वसुंधरा राजे हैं.
एक तरफ यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी, दूसरी तरफ कहा जाता है कि हमें बचाने का काम वसुंधरा राजे कर रही थी. आप कहना क्या चाहते हैं, आपको स्पष्ट करना चाहिए. सीएम के बयानों में विरोधाभास है. वे अपने ही नेताओं को बदनाम कर रहे हैं.
अपने ही विधायकों पर बिकने का आरोप लगाना, विधायकों का अपमान
सचिन पायलट ने आगे कहा कि अपने ही विधायकों पर बिकने का आरोप लगाना गलत है. ये विधायकों और नेताओं का अपमान है. जिनके दम पर सीएम बने उन्हें ही बदनाम कर रहे हैं. मैं इन बेबुनियाद आरोपों को नकारता हूं. जिन लोगों की राजनीति पैसे के दम पर चलती आई हो, उन्हें ही हर चीज में पैसा दिखता है. वही बेबुनियाद आरोप लगाते हैं. आरोप लगाना आसान होता है, जनता को जवाब देना मुश्किल है.
बीजेपी का गुणगान करना समझ से परे
उन्होंने कहा कि मुझे बहुत कुछ कहा गया कोरोना, गद्दार आदि. मैं ढाई साल से यह सब सुन रहा था, लेकिन हम चुप थे, क्योंकि हम अपनी पार्टी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे, लेकिन अपने ही विधायकों और नेताओं को बदनाम करना और भाजपा का गुणगान करना मेरी समझ से परे है.
मेरे लगाए आरोपों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई
सचिन पायलट ने कहा कि राज्य में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ मैंने कार्रवाई करने की मांग की और धरने भी दिए इसके बाद भी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. अब मुझे समझ में आ गया है कि मुख्यमंत्री जी ने भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की.
सरकार गिराने के आरोप में मेरे खिलाफ मुख्यमंत्री ने राजद्रोह का केस दर्ज कराने का प्रयास किया. मेरे खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए, इसके बाद भी मैं पार्टी के साथ हूं और दिल्ली जाकर मैंने अपनी बात हाई कमान के सामने रखी. अगर मैं और कांग्रेस के कुछ विधायकों ने सरकार के खिलाफ साजिश रची और गहलोत जी के पास इसके सबूत हैं तो उनको सार्वजनिक करना चाहिए. इसके बाद हमारे खिलाफ केस दर्ज कर लेते. लेकिन सबूतों को सार्वजनिक नहीं किया.
अजमेर से जनसंघर्ष पदयात्रा निकालने का ऐलान
उन्होंने कहा कि कि मैं जनसंघर्ष पदयात्रा निकालने जा रहा हूं और जो कि 11 मई अजमेर से शुरू होकर जयपुर में खत्म होगी. 125 किलोमीटर की इस यात्रा में 5 दिन का समय लगेगा. ये यात्रा किसी के विरोध में ना होकर करप्शन के विरोध में है.