शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने धर्मशाला में हिमाचल पथ परिवहन निगम की 15 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. उन्होंने 15 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित मकलोडगंज बस अड्डे का लोकार्पण और 30 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले धर्मशाला बस अड्डे का भूमि पूजन भी किया.
मुख्यमंत्री ने किया इलेक्ट्रिक बस में सफर
मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने एचआरटीसी की नई इलेक्ट्रिक बस में धर्मशाला से मकलोडगंज तक की यात्रा भी की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी के पास वर्तमान में 75 इलेक्ट्रिक बसें हैं और धर्मशाला में 15 नई इलेक्ट्रिक बसें एचआरटीसी के बेड़े में शामिल की गई हैं.
इसके अलावा जल्द ही शिमला में 20 नई इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जाएंगी, जिससे एचआरटीसी की कुल इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 110 हो जाएगी. उन्होंने कहा कि 75 नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए निविदाएं पहले ही जारी की जा चुकी हैं और 25 अतिरिक्त इलेक्ट्रिक बसों के लिए जून में निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी.
धर्मशाला से टांडा जाने वाले यात्रियों को भी मिलेगी इलेक्ट्रिक बस की सुविधा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस वित्त वर्ष में ग्रीन बजट प्रस्तुत किया है और राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने के उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ई-वाहनों के संचालन के लिए बुनियादी ढांचा और चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. साथ ही राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ई-बस, ई-ट्रक और ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का भी प्रावधान किया गया है, जिससे संचालकों की आय में वृद्धि होगी.
यह पहल पर्यावरण अनुकूल परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित करने और राज्य में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के सरकार के प्रयासों को प्रदर्शित करती है. उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है और इसके दृष्टिगत बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए लगभग 3000 करोड़ खर्च किए जाएंगे.
स्थानीय विधायक सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए ई-बस सेवा शुरू करने के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि नए बस अड्डों के निर्माण से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी अधिक सुविधा प्राप्त होगी. इस अवसर पर कृषि मंत्री चंद्र कुमार, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल, विधायक सुधीर शर्मा, संजय रत्न, भवानी सिंह पठानिया, केवल सिंह पठानिया, मलेंद्र राजन, प्रधान सलाहकार गोकुल बुटेल, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुवीर सिंह बाली इत्यादि उपस्थित थे.