नई दिल्ली: मणिपुर जातीय हिंसा की आग में बुरी तरह से झुलस गया है. केंद्र सरकार शांति बहाली में जुटी हुई है. तीन दिन में मणिपुर की जमीनी हकीकत और हिंसाग्रस्त इलाकों में हालात का जायजा लेने के बाद आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि मणिपुर हिंसा की जांच होगी. इसके लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा.
10 लाख का मुआवजा और नौकरी का ऐलान
हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस के नेतृत्व में यह जांच होगी. सीबीआई भी हिंसा के छह केसों की जांच करेगी. शांति कमेटी का भी गठन होगा. कोई दंगाई नहीं बच पाएगा. अवैध हथियार जमा करा दें. काम्बिंग के दौरान अगर हथियार मिले तो सख्त कार्रवाई होगी. पीड़ितों को 10 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी. जिसमें 5 लाख रुपए राज्य सरकार और पांच लाख केंद्र सरकार के शामिल होंगे. साथ ही दंगे में मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी.
मणिपुर में अपने शांति प्लान के बारे में बताते हुए अमित शाह ने कहाकि कोई भी दंगाई बच नहीं पाएगा. 29 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट के एक जल्दबाजी के फैसले के कारण यहां पर जातीय हिंसा और दो ग्रुप के बीच में हिंसा की शुरुआत हुई.
इंफाल में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इन 2 दिनों में मैंने मणिपुर के अलग-अलग हिस्सों में जाकर नागरिकों के प्रतिनिधिमंडल और आहत लोगों से मिलने का प्रयास किया है. अधिकारियों के साथ भी बैठक की हैं. भारत सरकार हिंसा, हिंसा के कारण और हिंसा में किसकी जिम्मेदारी है. इन सभी चीजों की जांच के लिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस स्तर के रिटायर्ड न्यायाधीश का न्यायिक आयोग गठित करके जांच करेगी.
BJP सरकार में मणिपुर कर्फ्यू और हिंसा मुक्त हो गया था
अमित शाह ने कहाकि पिछले 6 वर्षों से जब से मणिपुर में भाजपा की सरकार आई मणिपुर बंद, कर्फ्यू और हिंसा से मुक्त हो गया था. मणिपुर में डबल इंजन की सरकार ने विकास के सभी पैमानों में अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की. पिछले 1 महीने में मणिपुर में हिंसक घटनाएं हुई हैं. जिन नागरिकों की हिंसा में मृत्यु हुई है उनके परिजनों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी, मेरी तरफ से और भारत सरकार की तरफ से संवेदना व्यक्त करता हूं.
इससे पूर्व अमित शाह ने बुधवार रात एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की. जिसमें सभी सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को निर्देश दिया कि वे हिंसा को रोकने के लिए सशस्त्र बदमाशों के खिलाफ कड़ी और तेजी से कार्रवाई करें और लूटे गए हथियारों को वापस बरामद करें. अमित शाह ने बुधवार को दो हिंसा प्रभावित जिलों- तेंगनोपाल और कांगपोकपी का दौरा किया.