शिमला: हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. शांत रहने वाले पहाड़ों का रौद्र रूप देखकर हर किसी का दिल दहल गया. अपने स्थान पर बहने वाली हिमाचल प्रदेश की शांत नदियों ने ऐसा रौद्र रूप दिखाया, जिससे प्रदेश सरकार को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.
भारी बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश को 4 हजार 691 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. इस जल प्रलय से जल शक्ति विभाग को 1393.22 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 1460.72 करोड़ रुपए, बिजली विभाग को 1451.11 करोड़ रुपए, बागवानी विभाग को 75.27 करोड़ रुपए, शहरी विकास विभाग को 6.47 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.
125 लोगों की जा जान चुकी है जान
इसके अलावा भारी बारिश की वजह से अब तक 125 लोगों की जान जा चुकी है. प्रदेशभर में बारिश की वजह से 540 घर पूरी तरह तबाह हो गए, जबकि 4 हजार 1363 को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है. बारिश के कारण 146 दुकानें और 1 हजार 163 पशु घर तबाह हुए, जबकि करीब 943 जानवरों को भी जान गवानी पड़ी. 24 जून से अब तक हिमाचल प्रदेश में 59 भूस्खलन और 44 अचानक बाढ़ आने की घटनाएं रिकॉर्ड की जा चुकी हैं.
रविवार तक यह नुकसान 4414.95 करोड़ रुपए था. अब यह नुकसान बढ़कर चार हजार 691 करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है. नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम हिमाचल पहुंच चुकी है. इस केंद्रीय टीम में आठ सदस्य पहुंचे हैं. यह सदस्य तीन अलग-अलग दल बनाकर हिमाचल प्रदेश में नुकसान का जायजा लेकर रिपोर्ट सौंपेंगे.
आठ हजार करोड़ के नुकसान का आकलन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि हिमाचल प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है. प्रदेश सरकार के पास बारिश के नुकसान का चार हजार 600 करोड़ रुपए से ज्यादा का ब्योरा पहुंच चुका है. मुख्यमंत्री का मानना है कि यह नुकसान आठ हजार करोड़ तक पहुंच सकता है. हाल ही में प्रदेश को राहत के लिए केंद्र सरकार की ओर से 180-180 करोड़ रुपए की दो किस्त जारी हुई है. यह स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड की राशि है.
आपदा राहत कोष- 2023 का गठन
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने आपदा राहत कोष- 2023 का भी गठन किया है. इस कोष में भी लोग बढ़-चढ़कर योगदान कर रहे हैं. कांग्रेस के सभी विधायकों ने अपनी एक महीने की तनख्वाह इस कोष में दान कर दी है.
इसके अलावा सरकारी कर्मचारी भी अपने एक दिन का वेतन इस कोष में दान कर रहे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने बढ़-चढ़कर राहत कोष में दान करने की मांग की है. सरकार ने हाल ही में डीजल पर भी तीन रुपए वैट बढ़ा दिया है, जिससे सरकार का खाली हो रहा खजाना भर सकेगा.