जयपुर: कोटा शहर में लगातार हो रही कोचिंग स्टूडेंट की आत्महत्याओं के बाद प्रशासन और राज्य सरकार में भी चिंता बढती जा रही है. इस बार तो सरकार भी आगे आई है. आत्महत्याओं से हो रही राजस्थान की बदनामी को कम करने का प्रयास किया जा रहा है.
सरकार की उदासीनता के चलते ही कोचिंग सेंटर पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी और न ही हॉस्टल संचालक या पीजी किसी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. इस बार सरकार की नाराजगी से जाहिर है कि कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है.
टेस्ट के जरिए करेंगे डाउट आईडेंटिफाई
कलेक्टर ने बताया कि एक गूगल फॉर्म डेवलप किया गया है. सभी कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि रोज ऑनलाइन गूगल फॉर्म के जरिए छात्रों का सर्वे किया जाए. कुछ प्रश्नों के जरिए जानकारी ली जाए, जिससे यह पता चल सके कि बच्चा तनाव में है या नहीं. इसके तहत जितने भी डाउटफुल स्टूडेंट आएंगे, उनकी काउंसलिंग करवाई जाएगी.
स्टूडेंट थाना खोले पर हो रहा है विचार
सिटी एसपी शरद चौधरी ने कहा कि दो महीने पहले स्टूडेंट सेल का गठन किया गया था. अब इस स्टूडेंट सेल को और बड़ा करना चाहते हैं. इसके लिए स्टूडेंट थाना खोलने के लिए प्रस्ताव बनाकर इसी सप्ताह उच्च अधिकारी को भेजेंगे. जैसे ट्यूरिस्ट थाना, साइबर थाना है, उसी तरह से स्टूडेंट थाना भी खुलेगा.
एक सितंबर को करेंगे समीक्षा बैठक
कोचिंग विद्यार्थियों को मानसिक संबलन और सुरक्षा प्रदान करने के क्रम में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों की पालना में एक सितंबर को बैठक आयोजित की जाएगी. इसमें सभी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी, हॉस्टल संचालक, कोचिंग संचालक के साथ अन्य संस्थाओं को शामिल कर सुसाइड को रोकने पर मंथन होगा.