जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजस्थान दौरे पर सवाल उठाए हैं. धनखड़ के सांविधानिक पद पर होने का हवाला देते हुए गहलोत ने नीमराना में कहा, अब बस राष्ट्रपति का दौरा ही बाकी रह गया है.
सीएम गहलोत ने कहा, मैं उपराष्ट्रपति का सम्मान करता हूं और उनसे कई दशकों से अच्छे रिश्ते भी हैं, लेकिन बुधवार को उन्होंने पांच जिलों का दौरा किया. पूरा राज्य ही छान मारा. इन दौरों में उनसे मिलने वालों में अधिकतर भाजपा के ही नेता थे. ऐसा होता है क्या? गहलोत ने कहा, भारत सरकार को सांविधानिक संस्थाओं के प्रमुखों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए.
चुनाव के समय बार-बार आना गलत संदेश- CM गहलोत
इससे पहले, कोटपुतली-बहरोड़ में गहलोत ने कहा, भाजपा नेताओं के आने से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उपराष्ट्रपति व राष्ट्रपति को नहीं आना चाहिए, क्योंकि ये सांविधानिक पद है. धनखड़ अगर राष्ट्रपति बनेंगे तब भी हम उनका स्वागत करेंगे. लेकिन अभी तो मेहरबानी करें. राजस्थान में चुनाव चल रहे हैं, ऐसे में वो बार-बार आएंगे तो लोग क्या समझेंगे?
मेघवाल बोले- क्या अनुमति लेनी होगी
केंद्रीय कानून व न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की राजस्थान यात्रा पर सवाल उठाने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा है. मेघवाल ने कहा, उपराष्ट्रपति को अपने ही राज्य में आने के लिए क्या मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होगी? मेघवाल ने कहा, उपराष्ट्रपति किसानों के कल्याण के लिए आए थे। मुख्यमंत्री इस पर राजनीति कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है. राजस्थान के उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जब बड़े नेता राज्य में आते हैं तो इससे पार्टी कार्यकर्ताओं का विश्वास बढ़ता है.