कुल्लू. राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड ने डेयरी उद्यमिता विकास योजना पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. नाबार्ड जिला विकास प्रबंधक उर्मिल लता ने प्रजेंटेशन के माध्यम से योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि किसान इस योजना का लाभ उठाकर दो से दस दुधारू पशुओं तक की डेयरी स्थापित कर सकते हैं.
साथ ही अगर किसान बड़ी डेयरी उद्यम स्थापित करना चाहते है तो वह गायों के साथ-साथ वर्मी कंपोस्ट यूनिट, चिलिंग प्लांट, बछड़ी पालन इकाई, प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकते हैं. इस बार इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के लिए 4.48 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है. जिसमें से अब तक 1 करोड़ रूपये भी खर्च नहीं हुए है.
विस्तृत जानकारी
कार्यशाला में पशुपालन विभाग जे उपनिदेशक शांडिल ने डेयरी इकाई लगाने में ध्यान रखने वाली बातें, जिनमें गायों की सही देखभाल करने और परियोजना तैयार करने के बारे ने विस्तृत जानकारी दी. जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधन एस एन शर्मा ने किसानों को मुद्रा योजना, स्टैंडअप योजना के माध्यम से नए उद्यम लगाने जे लिए प्रेरित किया. साथ ही उन्होंने कृषक उत्पादकों को सयुंक्त देता समूह के माध्यम से इस योजना को चलाने की सलाह दी.
यह लोग रहे मौजूद
इस मौके पर उपनिदेशक पशुपालन विभाग, जिला अग्रणी बैंक अधिकारी कुल्लू एस एल शर्मा, हाजर टशी और ज़िला अग्रणी बैंक अधिकारी लाहौल स्पीति संकाय, महाप्रबन्धक आईंसीइडीपी, सहायक पंजीयक, सहकारी सभाएं, जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड उर्मिल लता, विश्व बैंकों के प्रबन्धक, विभिन्न विभागों के अधिकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के सदस्य, कृषक उत्पादक समूह के सदस्य मौजूद रहे.