ऊना(चिंतपूर्णी). शहीद सरदार भगत सिंह की 110वीं जयंती के मौके शहीद भगत सिंह क्लब अम्बोटा ने वीरवार को विश्रामगृह गगरेट में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस मौके पर क्लब के सदस्यों ने उनकी फोटो पर फूल चढ़ा कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
बचपन से ही मिला देशभक्ति का माहौल
इस अवसर पर क्लब के प्रधान जगजीत सिंह ने कहा कि शहीदे-आजम के नाम से मशहूर भगत सिंह ने 24 साल की छोटी सी उम्र में इंकलाब का नारा बुलंद करते हुए ब्रिटिश हुकूमत की नाक में दम कर दिया था. लेकिन इस बात को बेहद कम लोग जानते हैं कि भगत सिंह ने दिल्ली की ब्रिटिश असेंबली में जो बम फोड़ा था, वो आगरा में बनाया गया था.
भगत सिंह का जन्म 27 सितम्बर 1907 को एक जाट सिक्ख परिवार में ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के लायलपुर जिले में बंगा गांव में, किशन सिंह और विद्यावती के घर में हुआ था. उनके जन्म के समय उनके पिता और दो चाचा, अजीत सिंह और स्वर्ण सिंह जेल में थे, जिनको रिहा करने की बात चल रही थी. नन्हें भगत सिंह को बचपन से ही अपने घर में देशभक्ति का माहौल मिला.
क्रांतिकारी समूह से जुड़े
अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड ने भगत सिंह की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था. हालांकि इस समय भगत सिंह की उम्र केवल 12 साल थी. इस हत्याकांड की खबर मिलते हीं वे अपने स्कूल से 12 मील पैदल चलकर जलियावाला बाग पहुँच गए थे, वे 14 वर्ष की आयु से ही क्रान्तिकारी समूहों से जुड़ने लगे. लाहौर के नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर भगत सिंह ने भारत की आज़ादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की.
इस मौके पर अश्वनी ठाकुर, पटेल सिंह, मनु ठाकुर, रिंकू, विशाल, लक्की, वेद, विशाल, शम्मी व अजय ठाकुर भी मौजूद रहे।