धर्मशाला. पुलिस ग्राऊंड धर्मशाला में चल रहे जिला स्तरीय दशहरा महोत्सव में बाला राम के सिड्डू (हिमाचली पकवान) ने धर्मशाला में अपने स्वाद की ऐसी धूम मचाई है कि लोग मोमोज़ के स्वाद तक को भूल गए हैं. कुल्लू के इस कारीगर ने सिड्डू के स्वाद को प्रदेश भर में पहुंचाने में सफलता हासिल की है. देसी घी में बनने वाले सिड्डू की खुशबू पुलिस ग्राऊंड में ऐसी महकी है कि लोग अपने कदम स्टाल तक ले जाने से खुद को नहीं रोक पा रहे हैं. पुलिस ग्राऊंड में लगे स्टाल में इसकी रेसिपी जानने के लिए भी बाला राम के पास लोगों की लंबी कतारें लग रही हैं.
9 वर्ष पहले हिमाचल के पारंपरिक पकवान सिड्डू का व्यवसाय करने वाले बाला राम ने कभी सोचा भी न था कि उसका सिड्डू इतना नाम कमाएगा कि मोमोज़ के स्वाद को भी पीछे छोड़ देगा. बाला राम का कहना है कि वह प्रदेश के पांवटा साहिब, हमीरपुर, ऊना, धु मू शाह मेला दाड़ी, चंबा व कुल्लू सहित अन्य जिलों में लगने वाले मेलों में अपना स्टाल लगा चुके हैं. इसके अलावा हरियाणा में आयोजित कई हैंडीक्रा ट प्रदर्शनियों में सिड्डू का स्टाल लगा चुके हैं. आटे व उड़द की दाल से बनने वाली कचोरी को भी लोग बहुत पसंद कर रहे हैं.
बाला राम के अनुसार सिड्डू बनाने को सुपर फाईन आटा की प्रयोग में लाया जाता है.भांप से पकते हैं सिड्डू बाला राम का कहना है कि इसे आटे में दाल, सूखे मेवे और पोस्त डाल कर भांप में पकाया जाता है. उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में इसके लिए हांडी का प्रयोग भी किया जाता है और दुकानदार इसे पकाने के लिए स्टीमर का प्रयोग करते हैं.
प्रदेश सहित दूसरे राज्यों तक पहुंची महक
16 वर्ष पूर्व कुल्लू के ढालपुर मैदान में सजने वाली संडे मार्किट में सिड्डू पहली बार लोगों की पहुंच में आया, इसके बाद प्रदेश में लगने वाले मेलों के माध्यम से सिड्डू अपनी महक पहुंचा रहा है। बाला राम का कहना है कि सरकार को ऐसे व्यंजनों को प्रोत्साहन देना चाहिए ताकि वह बाहर भी घरेलू व्यंजन का स्वाद लोगों को चखा सकें.
‘बेयोंड रेसिपी’ बना रही है डाक्यूमेंट्री
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिड्डू को पहचान दिलाने में बियोंड रैस्पी संस्था भी कार्य कर रही है, इसके लिए हिमाचली व्यंजनों की डाक्यूमेंट्री तैयार की जा रही है. ताकि मोमो, इडली डोसा, चोमीन व अन्य चाईनिस पकवानों की ही भांति हिमाचली व्यंजनों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जा सके.