हमीरपुर. प्रदेश के पेंशनरों ने सरकार को चेताया है कि उनकी मांगों को पूरा किए बिना कांग्रेस का मिशन दोहरा पाना असंभव है. हिमाचल पेंशनर्ज कल्याण संघ ने दो टूक शब्दों में सरकार को चेताया है कि अगर आचार संहिता लगने से पहले पेंशनरों की लंबित मांगों पर निर्णय न लिया तो वे कांग्रेस सरकार के खिलाफ बिगुल बजा देंगे और चुनावों में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ काम करेंगे. हमीरपुर में पेंशनर्ज कल्याण संघ ने आपात बैठक करके सर्वसहमति से आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया है.
हिमाचल पेंशनर्ज कल्याण संघ के संस्थापक एवं प्रदेश मुख्य संरक्षक बीडी शर्मा, प्रदेश महासचिव योग राज शर्मा तथा जिला प्रधान केसी गौत्तम ने अपने संयुक्त बयान में कहा है, “हमारी मांगों को नहीं माना तो सरकार मिशन रिपीट का सपना देखना भी छोड़ दे, प्रदेश के सवा करोड़ पेंशनरों की बुढ़ापे में अनदेखी की जा रही है. उन्हें 5 फीसदी, 10 फीसदी और 15 फीसदी मिलने वाले पेंशन भत्ते को मूल पेंशन में घोषणा के बाद भी नहीं जोड़ा गया. जबकि विधायकों को पट्टे पर जमीन देने का फैसला सरकार ने आनन-फानन में ले लिया.”
इन पदाधिकारियों ने सरकार को कड़े शब्दों में चेताया कि मुख्यमंत्री ने पिछले साल 17 दिसंबर को शिमला में पेंशनरों के बीच घोषणा की थी कि पेंशनरों को 65, 70 और 75 साल की उम्र के बाद क्रमश: मिलने वाले 5 फीसदी 10 फीसदी और 15 फीसदी पेंशन भत्ता को उनकी मूल पेंशन में जोड़ दिया जाएगा. लेकिन वह पूरा नहीं हो सका. वहीं, पेंशनरों के मेडिकल बिल कई सालों से पास नहीं हुए हैं.