लाहौल-स्पीती. विकट परिस्थितियों में बर्फीले तूफान का सामना कर रहे लाहौल-स्पीती के लोगों का सपना साकार होने जा रहा है. सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रोहतांग सुरंग की हो रही खोदाई अब सिर्फ 60 मीटर दूर है. सीमा सड़क संगठन (BRO) की देखरेख में स्ट्रोबेग एफ्कोन और स्नो माउंटेन इंजीनियर कार्पोरेशन (स्मैक) कम्पनी युद्ध स्तर पर काम कर रही है.
परिस्थितियां ठीक रही तो दो सप्ताह में रोहतांग सुरंग के दोनों छोरों को जोड़ दिया जाएगा. केन्द्र सरकार ने बीआरओ को रोहतांग सुरंग निर्माण में तेजी लाने का निर्देश दिया है. रोहतांग सुरंग को दोस्ती की अटूट मिसाल के रूप में भी देखा जाएगा.
इंदिरा गाँधी और लता ठाकुर और वाजपेयी और अर्जुन गोपाल की कृष्ण सुदामा की जैसी दोस्ती की भूमिका कबायली जिला को वर्ष भर जोड़े रखने में अहम रही है. देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी लाहुल-स्पीति की विधायक लता ठाकुर के साथ लाहुल आई थी. उन्होने रोहतांग सुरंग निर्माण पर चर्चा की थी.
लाहुल के समाजसेवी अर्जुन गोपाल के आग्रह पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सुरंग के निर्माण के लिए कदम बढाया. जून 2010 में यूपीए की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने सुरंग के कार्य का शिलान्यास किया.