शिमला. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश धरोहर पर्यटन नीति-2017 को अपनी स्वीकृति प्रदान की. इसका उदेश्य हिमाचल प्रदेश की संस्कृति और यहां की धरोहरों से पर्यटकों को रू-ब-रू करवाना है. इसके तहत रियासतों से लेकर ब्रिटिश राज तक की धरोहरें, जिसमें भवन, किले, महल, लॉज, हवेलियां, जो किसी न किसी इतिहास से जुड़ी हैं, उनका निरन्तर रख-रखाव करना शामिल है. इससे राज्य में पर्यटन गतिविधियों के नए क्षेत्र विकसित होंगे.
इस नीति का उद्देश्य पर्यटकों को रियासत काल की जीवनशैली, परम्पराओं और ब्रिटिश काल की वास्तुकला की भव्यता की झलक प्रस्तुत करना और उन्हें यहां के इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी देना है.
इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने शिमला के देवता सहिब लक्ष्मी नारायाण नोगली मेला को जिला स्तरीय मेला घोषित करने को मंजूरी प्रदान की है.
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