शिमला. कोटखाई गुड़िया रेप मर्डर मिस्ट्री की सुनवाई मुख्य कार्यकारी न्यायाधीश संजय करोल एवं संदीप शर्मा की डबल बेंच में हुई. जिसमें सीबीआई ने जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखी. रिपोर्ट को काफी देर तक पढ़ने के बाद कोर्ट जांच से असंतुष्ट दिखा.
कोर्ट ने कहा कि इस रिपोर्ट में एक दो चीजें नई है बाकी सब पुरानी ही रिपोर्ट है. रिपोर्ट में किसी भी तरह की कोई प्रगति नहीं है. सीबीआई 19 जुलाई से लेकर अब तक क्या कर रही है. सीबीआई के पास पुख्ता कुछ नही है. सीबीआई रिपोर्ट की वजह से मामले में हिरासत में चल रहे आरोपियों की जमानत याचिका पर भी कोर्ट कोई निर्णय नही ले रहा है. सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद कोर्ट ने मामले की तथ्य सहित पुख्ता रिपोर्ट 25 अक्तूबर तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए. इससे पहले सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि जांच के नमूनो की रिपोर्ट आ गई है.
इससे पहले सीबीआई ने दो अगस्त को सुनवाई के दौरान गुड़िया मामले को निपटाने के लिए 90 दिन का समय मांगा था. लेकिन हिमाचल उच्च न्यायालय ने 90 दिन का समय देने से इंकार करते हुए 17 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए थे. बाद में इस तारीख को बढ़ाकर 6 सिंतबर किया गया, उसके बाद 18 सितंबर और बाद में ये समय 11 अक्टूबर किया गया था.
कब क्या हुआ
चार जुलाई को गुड़िया को अगवाह किया गया था, छह जुलाई के दिन जंगल में गुड़िया की नग्न लाश मिली थी. मामले की जांच के लिए 10 जुलाई को एसआईटी गठित की गई. 13 जुलाई को पुलिस ने छः लोगों को पकड़ने दावा किया, लेकिन लोगों का आरोप था कि असल आरोपियों को बचाने की कोशिश में फर्जी लोग पकड़ लिए गए.
जनाक्रोश सड़को पर उतारा और सीबीआई जांच की मांग की जाने लगी. इसी बीच 18 जुलाई रात में कोटखाई थाने में सूरज की संदिग्ध मौत से मामले ने और तूल पकड़ लिया. उग्र भीड़ ने कोटखाई थाने में आग लगा दी. आखिरकार सरकार को हाइकोर्ट में जाकर सीबीआई जांच की मांग करनी पड़ी. अब मामला सीबीआई के हाथ में है. मामले में आईजी समेत आठ पुलिसकर्मी भी न्यायिक हिरासत पर चल रहे है.