सिरमोर(शिलाई). गिरिपार में पांच साल के विकास कार्यों को लेकर प्रदेश सरकार लगातार सवालों के घेरे मे आती रही है. क्षेत्र में विकास के नाम पर लोगों को हर चुनाव के दौरान सुनहरे सपने दिखा कर छला जाता है. प्रदेश सरकार के सत्ताधारी नेताओं के कई वादें ऐसे है जों केवल चुनावी घोषणा पत्र तक ही सीमित रहते हैं.
पिछले घोषणा पत्र के अनुसार विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने लोगों से वादा किया था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो क्षेत्र के लिंक सतोंन से कोढ़गा-शखोली को पक्का किया जायेगा. अब प्रदेश में दोबारा चुनाव को लेकर माहोल गर्म है लेकिन लिंक सड़क का पक्का होना तो दूर, सड़क से संबंधित विभाग ने इस सड़क को अपने अधीन भी नहीं लिया है. जिसके कारण क्षेत्र के लोगों मे भारी गुस्सा है.
सड़क की कहानी 10 साल पुरानी
स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षेत्र में लगभग 10 साल पहले सड़क का निर्माण किया गया है. सड़क बनाने वाले ठेकेदार ने बस एक बार जेसीबी चलाई और चले गये. तब से अब तक सड़क पर जेसीबी नहीं चली है. सड़क मे इतने बड़े-बड़े गड्ढ़े व पत्थर हैं कि यह पता ही नहीं चलता की सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों मे सड़क है.
वर्तमान सरकार ने पिछले चुनाव में सड़क को पक्का करने का वादा किया था लेकिन आज तक स्थीति जस की तस है. छोटे वाहन एक बार अगर सड़क पर आ गये तो उनका सुरक्षित वापस पहुंचना मुश्किल है. संबंधित विभाग में कई बार शिकायत की गई हैं. प्रदेश सरकार के नेताओं को भी समस्या के बारे मे बताया गया लेकिन कोई देखने तक नहीं आया है. क्षेत्र के लोगो में प्रदेश सरकार को लेकर भारी रोष है. लोग अब सरकार व संबंधित विभाग के विरुद्ध आंदोलन करने की तेयारी कर रहे हैं.
‘भाग्य रेखा’ पर लगती है जिंदगी दांव पर
कोढ़गा-शखोली लिंक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कोढ़गा व शकोली पंचायत साहित् ग्राम पंचायत कठवाड़ का क्षेत्र आता है. तीन पंचायतों के लगभग आधा दर्जन से ज्यादा गांव और लगभग 3 हजार लोग हर दिन इस रास्ते से सफर करते हैं. इन लोगो के लिये यह लिंक सड़क भाग्य रेखा कही जाती है लेकिन सड़क की हालत दयनीय है. कहीं पर भी सड़क के किनारे वाहनों को को लगाने की जगह नहीं है. बड़े-बड़े पत्थरों व गड्ढों से हमेशा बड़ी दुर्घटना का डर बना रहता है. लोग डर-डर कर सफ़र करने को मजबूर हैं.
लोक निर्माण ने पल्ला झाड़ा
शिलाई में लोक निर्माण विभाग के मंडल अधिशासी अभियंता प्रमोद उप्रेती बताते हैं की कोढ़गा शखोली लिंक को अभी तक विभाग ने अपने अधीन नहीं लिया है. जिसके कारण विभाग सड़क पर अपनी मशीने नहीं लगा सकता है. उन्होने कहा कि जो इस रास्ते पर निजी वाहन ले जा रहे हैं वह अपनी रिस्क पर जा रहे हैं. उन्होने साफ कर दिया कि विभाग की नजर में यह सड़क वाहनों के लिये सुरक्षित नहीं है.