ऊना. शिक्षा भार्ता संस्था के नाम पर ठगी का शिकार हुए लगभग पिछले सात माह से संस्था में कार्यरत 658 कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण और कंपनी द्वारा उनके साथ धोखाधड़ी करने को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी. लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ. अब उन्होंने कहा है कि उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह मोर्चा खोल देंगे.
उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक को अवगत करवाते हुए कहा था कि उन्हें इस बात पर संस्था द्वारा रखा गया था कि उन्हें भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्राप्त हुई है कि जिला के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा संबधी प्रचार प्रसार करना है. उन्होने आरोप लगाया था कि उनके आवेदन के साथ 500 रूपए पंजीकरण के नाम पर लिए गए. इसके अलावा जब उन्होने नौकरी पर रखा तो 2 हजार रूपए के डिमांड ड्राफ्ट भी लिए थे. परंतु उसके बाद संस्था द्वारा लगभग पिछले सात महीने से काम करवाने के उपरांत उन्हें किसी भी प्रकार का कोई वेतन नहीं दिया गया है. संस्था द्वारा उनके साथ बेरोजगारी का फायदा उठाकर धोखा किया गया है.
वहीं पुलिस अधीक्षक ऊना द्वारा उनकी इस समस्या का समाधान लगभग 7 दिन के भीतर करने का आश्वासन दिया था. लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद उन्होने मंगलवार को दोबारा फिर पुलिस अधीक्षक का दरवाजा खटखटाया है. उनकी इस समस्या को लेकर पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने उन्हें फिर से आश्वासन देते हुए कहा कि वह इस गिरोह से जुड़े आरोपियों की धड़ पकड़ के लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं और जो भी सच्चाई सामने आएगी उस पर कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.
संस्था से जुड़े कर्मचारियों ने प्रेस वार्ता कर संगठन का गठन किया है, जिसमें उन्होने सर्वसम्मति से पुरूष वर्ग से सुनील कुमार और महिला वर्ग से ज्योति शर्मा को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. उन्होने निर्णय लिया कि अगर उनकी इस समस्या का समाधान नहीं किया जाता तो वह 27 अक्तूबर को श्रम अधिकारी का घेराव करेगें और उपरोक्त संस्था के विरूद्ध मोर्चा खोलने से जरा भी गुरेज नहीं करेगें.