शिमला. कोर्ट ने भाजपा से शिमला ग्रामीण सीट के उम्मीदवार प्रमोद शर्मा को बड़ी राहत दी है. हिमाचल हाईकोर्ट ने प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को आठ हफ्ते के भीतर इस मामले का निपटारा करने के निर्देश दिये गये हैं. रिटर्निंग ऑफिसर भूपेंद्र कुमार अत्री ने कहा कि अभी यह मामला कोर्ट के विचाराधीन है. उन्होने कहा कि प्रमोद का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है.
पूरा मामला
बता दें कि कांग्रेस ने शिमला ग्रामीण सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रमोद शर्मा के नामांकन पर सवाल खड़े किए हैं. छंटनी के दिन मंगलवार को कांग्रेस ने प्रमोद शर्मा के नामांकन को रद्द करने की मांग की. उनका कहना है कि प्रमोद शर्मा ने यूनिवर्सिटी में अपनी नौकरी से इस्तीफा नहीं दिया है, ऐसे में उनका नामांकन रद्द होना चाहिये. कांग्रेस का कहना था कि नियमों के मुताबिक किसी उम्मीदवार का इस्तीफा जब तक स्वीकार नहीं हो जाता तब तक वह चुनाव नहीं लड़ सकता. कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि प्रमोद ने न तो नौकरी छोड़ी है और न ही इस्तीफा पत्र नामांकन के साथ लगाया है.
प्रमोद ने विवि के अध्यादेश को दी चुनौती
गौरतलब है कि एचपीयू ने 2014 में एक अध्यादेश लाकर विश्वविद्यालय शिक्षकों के राजनीति में जाने या चुनाव लड़ने पर रोक लगाई थी. इसी फैसले के खिलाफ प्रमोद शर्मा ने प्रदेश टिब्यूनल में याचिका दी थी. इसके बाद विवि के अध्यादेश पर रोक लगा दी गई थी. वहीं विवि प्रशासन इस फैसले के खिलाफ प्रदेश हाईकोर्ट चला गया. लेकिन अब कोर्ट ने इस मामले के निपटारे के लिए प्रदेश ट्रिब्यूनल को आठ सप्ताह का समय दिया है.