बिलासपुर(घुमारवीं). सोहल के राजकीय उच्च पाठशाला में घुमारवीं के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. कमल किशोर शर्मा की अध्यक्षता में ‘आयोडीन अल्पता विकार रोकथाम दिवस’ मनाया गया. डॉ कमल किशोर शर्मा ने बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य जन जागरूकता और जन सहयोग से आयोडीन की कमी से होने वाले बीमारियों को खत्म करना है.
डॉ. शर्मा ने कहा कि 90 प्रतिशत आयोडीन की प्राप्ति हमे खाद्य पदाथों से तथा 10 प्रतिशत आयोडीन हमे पानी से मिलता है. उन्होने बताया कि गर्भवती महिला को 200 माइक्रो ग्राम, व्यस्क को 150 माइक्रो ग्राम तथा शिशु को 50 माइक्रो ग्राम आयोडीन की रोज जरूरत होती है.
आयोडीन बिना सारा जीवन सूना
डा. शर्मा ने बताया कि आयोडीन की कमी से गूंगा, बहरा, बौना, भेंगा या मृत बच्चा पैदा हो सकता है. आयोडीन की कमी से बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है. बच्चे मंद बुद्धि के कारण पढ़ाई लिखाई व खेल-कूद में दूसरे बच्चों से पिछड़ जाते हैं और इसकी कमी से व्यस्कों में गिल्लड़ रोग हो जाता है. उन्होने कहा कि आयोडीन की मात्रा प्राप्त करने के लिए हमेशा आयोडीन युक्त नमक का ही प्रयोग प्रयोग करना चाहिये.
इस दिवस पर स्कूल के बच्चों की भाषण प्रतियोगिता भी करवाई गई जिसमें 12 बच्चों ने भाग लिया. स्कूल की पूजा ने पहला स्थान पाया, युरेशा कुमारी दूसरे स्थान पर रहीं और साक्षी ने तीसरा स्थान हासिल किया. इस कार्यक्रम में स्कूल की मुख्य अध्यापिका लता ठाकुर, स्वास्थ्य शिक्षक राकेश सेठी, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक राम प्रकाश, स्वास्थ्य कार्यकर्ता संजीव शर्मा व स्कूल के अध्यापक गण मौजूद थे.