शिमला. आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले प्रत्याशियों की निगरानी के साथ ही अब पेड न्यूज पर भी चुनाव आयोग पैनी निगाह रख रहा है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुष्पेन्द्र राजपूत ने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान मीडिया में पेड समाचार के तहत समाचारों के रूप में विज्ञापन व अन्य संबंधित मामलों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।
इसके लिए राजनीतिक दलों या चुनावी उम्मीदवारों द्वारा दिए गए सभी विज्ञापनों की समीक्षा, जांच व सत्यापन करने के लिए प्रत्येक जिले में एक मीडिया प्रमाणीकरण एवं अनुश्रवण समिति (एमसीएमसी) गठित की गई है।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक, दूरदर्शन केन्द्र शिमला के केन्द्र निदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के निदेशक, ऑल इंडिया रेडियो शिमला के सहायक निदेशक (समाचार) को सदस्य तथा सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सदस्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि समिति पेड समाचारों के संदिग्ध मामलों की निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, इंटरनेट, केबल तथा मोबाइल नेटवर्क सहित सभी प्रकार के मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों, विज्ञापनों पर किए गए खर्च, प्रकाशक तथा प्रिंटर के नाम व पतों पर नजर रखेगी।
राजपूत ने कहा कि जिला/ राज्य स्तरीय एमसीएमसी जवाब पर शीघ्र निर्णय लेगी तथा संबंधित उम्मीदवार/ दल को अंतिम निर्णय के बारे में जानकारी प्रदान करेगी। यदि नोटिस देने के 48 घण्टों के भीतर जिला एमसीएमसी उम्मीदवार से कोई जवाब प्राप्त नहीं करती है तो एमसीएमसी का निर्णय अन्तिम माना जाएगा। यदि उम्मीदवार को जिला स्तरीय एमसीएमसी का निर्णय स्वीकार्य नहीं है तो वह निर्णय प्राप्त करने के 48 घण्टों के भीतर जिला स्तरीय एमसीएमसी को सूचित कर राज्य स्तरीय एमसीएमसी के समक्ष अपील कर सकता है।
राज्य स्तरीय एमसीएमसी अपील के प्राप्त होने के 96 घण्टों के भीतर मामलों का निपटारा करेगी तथा उम्मीदवार को निर्णय से अवगत करवाने के साथ जिला स्तरीय एमसीएमसी को निर्णय की एक प्रति भेजेगी। उम्मीदवार समिति से आदेश प्राप्त करने के 48 घण्टों के भीतर भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष राज्य स्तरीय एमसीएमसी के निर्णय के खिलाफ अपील कर सकता है।
उन्होंने कहा कि पेड न्यूज के मामलों को संबंधित मीडिया पर आगामी कार्रवाई के लिए भारतीय प्रेस परिषद को भेजा जाएगा।