मंडी (सरकाघाट). पंचायत टाइम्स की टीम मंगलवार की सुबह मंडी जिला की सरकाघाट विधानसभा पहुंची. यहां से टीम के राजन पांडेय इस बार कोट पंचायत से लाइव आये. उनके साथ मौजूद रहे भाजपा प्रत्याशी और मौजूदा विधायक कर्नल इंदर सिंह जिन्होने मंडी जिले की राजनीतिक उठापटक पर बात-चीत की.
मंडी जिले के बारे में राजन बताते हैं कि कांगड़ा के बाद प्रदेश का यह दूसरा सबसे बड़ा जिला है जहां पर 10 विधानसभायें भी हैं. इसलिये हिमाचल के अंदर इसकी हैसियत किंगमेकर की है. मंडी के अंदर कई पर्यटन स्थल हैं. पराशर लेक, सिराज घाटी, शिकार वैली पुराने क्षेत्र हैं, इन दिनों नये पर्यटन स्थल के रूप में बरोट विकसित हो रहा है.
ब्यास नदी मंडी जिले के ठीक बगल से गुजरती है. मंडी जिले को छोटी काशी भी कहा जाता है. पिछले दिनों यहां पर 10 में से 5 सीटें कांग्रेस ने जीती थीं. यानी मंडी ने अभी तक दोनों पार्टियों के साथ न्याय किया है. अगर सरकाघाट की बात करें तो पिछली दो बार से यहां भाजपा के विधायक कर्नल इंदर सिंह सत्ता में काबिज हैं और एक बार फिर मैदान में अपनी दावेदारी के लिये उतर चुके हैं.
उनके सामने पिछली बार कांग्रेस से रंगीला राम मैदान में थे. जिनके सामने 2200 मतों के साथ इंदर सिंह ने अपनी जीत दर्द की थी. इस बार उनके मुकाबले में कांग्रेस ने नयी पिच सजायी है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुक्खू के गुट से माने जाने वाले पवन ठाकुर को यहां से टिकट मिला है और वह इंदर सिंह के सामने 2017 के चुनावों के लिये उतर चुके हैं. ऐसे में कर्नल इंदर सिंह, पवन ठाकुर का सामना करने के लिये क्या रणनीति अपनाने वाले हैं, इस बारे में राजन उनसे विस्तार से बात करते हैं.
धूमल सरकार के समय में पीने के पानी की योजनायें और सड़कों को अपनी उपलब्धियां बताने वाले इंदर सिंह वीरभद्र सरकार के समय अपनी अनुपलब्धियां भी गिनाते हैं. भाजपा के अंदर की गुटबाजी से साफ इंकार करते हुए वह बताते हैं कि वह IIT से इंजीनियर हैं. लेकिन इसके तुरंत बाद वह फिर से वीरभद्र सरकार की दिक्कतें गिनाने लगते हैं.
ऐसे में, इस इलाके में अदरक की खेती का जिक्र करते हुए राजन लोगों का शुक्रिया कर अपनी बात खत्म करते हैं.