हमीरपुर(भोरंज). हिमाचल विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में है. इसे देखते हुए नेता-कार्यकर्ता चुनावी प्रचार में डटे हैं. ऐसे में जनता भी नेताओं से कुछ सवाल पूछना चाहती है.
पंचायत टाइम्स ने अपने स्तर पर भोरंज विधान सभा के लोगों से बात करके स्थानीय मुद्दे खोजने का प्रयास किया. आइये जानते हैं भोरंज विधानसभा चुनाव के कौन से मुद्दे इन चुनावों में अहम रहने वाले हैं .
अग्निशमन केंद्र
भोरंज में अभी तक अग्निशमन केंद्र नहीं खुल पाया है. पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण आग लगने की घटना होती रहती है. ऐसे में जब तक हमीरपुर से अग्निशमन केंद्र की गाड़ी आती है, तब तक सब जलकर राख हो जाता है. हालांकि भोरंज के लिए अग्निशमन केंद्र मंजूर हो गया है पर अब तक बनना शुरू नहीं हुआ है.
सड़कों के नाम पर गड्ढे
कुछ सड़कों को सड़क के बजाय गड्ढ़े ही कहना सही होगा. भरेड़ी बाजार की सड़क में बड़े-बड़े गड्ढ़े हैं. भोरंज के बडैहर स्कूल, सुलगवान बाजार, हनोह सड़क मार्ग, भोरंज सड़क, भरेड़ी बजार, भरेड़ी से तताहर, भरेड़ी से जड़ोह सड़क की हालत इतनी खराब है कि इन पर गाड़ी चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है.
जगह-जगह लगते हैं जाम
भोरंज में जाम एक बड़ी समस्या है. जाहू, भरेड़ी, लदरौर, चंदरुही, बस्सी, तरक्वाड़ी, अवाहदेवी, परोल, केहरवीं इत्यादि में वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग न होना एक विकराल समस्या बनती जा रही है.
आवारा पशु बने बवाल-ए-जान
भोरंज में आवारा पशु जी का जंजाल बने हुए हैं. बरसात में खतरा पैदा हो जाता है. मुंह खुर की बीमारी के कारण पिछले साल भोरंज में एक दर्जन से अधिक पशु मर भी चुके हैं. पशुओं के बीमार होने से इंसानों में भी बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
बंदरों का आतंक
भोरंज विधानसभा क्षेत्र में बंदरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि एक जमाना था जब भोरंज के किसी भी गांव में एक भी बंदर नहीं होता था. बुजुर्ग ने कहा कि करीब 9 साल पहले एक रात कोई आया और गाड़ी में भरकर बंदर इस क्षेत्र में छोड़ गया तब से ही यहां बंदरों का आतंक बढ़ गया है.
दरअसल यही समस्याएं आम जनता की जिंदगी की असल परेशानियां हैं। ज़ाहिर है कि इन मुद्दों के आस-पास ही यहां के वोटर अपना वोट देंगे, खासकर नए युवा वोटर जो परेशानियों का प्रशासनिक समाधान चाहते हैं, उनकी समझ बिल्कुल साफ है कि परेशानियों के हल के लिये सही राजनीतिक प्रतिनिधि का चुनाव बहुत जरूरी है.