मंडी (जोगिंद्रनगर). पंचायत टाइम्स की टीम बुधवार को जोगिंद्र नगर के भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर से बात-चीत के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी जीवन लाल ठाकुर से मिलने पहुंची. हमारी संवाददाता सीमा शर्मा कांग्रेस प्रत्याशी जीवन लाल ठाकुर के साथ नौली पंचायत से लाइव हुईं. जोगिंद्रनगर में तीन पन-विद्युत परियोजनायें हैं इसलिये इसे विद्युत नगर भी कहा जाता है.
बेटे को हराने के बाद अब बाप की बारी
जोगिंद्रनगर की राजनीति ज्यादातर समय गुलाब सिंह ठाकुर के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है. इस बार सुक्खू गुट के करीबी जीवन लाल कांग्रेस से उनके मुकाबले में खड़े हैं. वह अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत पंचायत चुनावों से बताते हैं. इससे पहले मैं और मेरी पत्नी दोनों ही भाजपा मंडल अध्यक्षा के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. इससे पहले इस बार जिला परिषद के चुनावों में मैने गुलाब सिंह ठाकुर के लड़के को हराया है. पिछले 40 सालों में कांग्रेस ने कभी यह सीट नहीं जीती थी. अब बेटे को हराने के बाद बाप की बारी है. जीवन लाल के समर्थक पीछे से नारे लगाते हैं – हर घर की मजबूरी है, जीवन भाई जरूरी हैं.
गुलाब सिंह पर लगाये आरोप ही आरोप
गुलाब सिंह, धूमल के समधी हैं जिन्हे भाजपा ने सीएम फेस बना दिया है, इस बारे में पूछने पर जीवन लाल कहते हैं कि भाजपा को कांग्रेस की मजबूती का पता चलने की वजह से वह डर गये हैं इसलिये उन्होने एकदम आधिरी मौके पर धूमल को सीएम उम्मीदवार घोषित किया है. इस का असर जोगिंद्रनगर सीट पर नहीं पड़ने वाला है. जीवन लाल कहते हैं कि पिछले 40 सालों में गुलाब सिंह ने केवल सत्ता का सुख भोगा है. धूमल के समय उनके पास नंबर दो का मंत्रालय था. इसके बावजूद उन्होने जोगिंद्रनगर की जनता के लिये कुछ भी नहीं किया. इसके अलावा वीरभद्र सरकार ने यहां पर एशिया का नंबर 1 रेवेन्यू इंस्टीट्यूट दिया है जहां पर रेवेन्यू से संबंधित ट्रेनिंग वगैरह दी जाती हैं. इसके बाद वह वीरभद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाने लगते हैं. जीवन लाल गुलाब सिंह पर बार-बार आरोप लगाते हैं कि उन्होंने हिमाचल के रेवेन्यू मिनिस्टर होने के बावजूद हिमाचल की किसी विधानसभा के लिये कुछ नहीं किया.
बेरोजगारी दूर करना प्राथमिकता
अपनी प्राथमिकताओं के बारे में पूछने पर वह बेरोजगारी को हिमाचल के लिये मुख्य मुद्दा बताते हैं और कहते हैं कि उद्योग लगना मेरे प्राथमिकता होगी. इसके अलावा अस्पताल और पेयजल की व्यवस्था करना मेरी मुख्य प्राथमिकता होगी. साथ ही पर्यटन विकसित करना मेरी प्राथमिकता होगी. जीवन लाल अपने पारिवारिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहते हैं कि मेरे पिता एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थी. इसके बावजूद मैंने चुनाव जीते हैं और पांच लाख के बजट में भी अपने चुनाव लड़े हैं. इसलिये यही कहूंगा कि पैसे के बल पर चुनाव नहीं जीते जाते.