मंडी (सुंदरनगर). पंचायत टाइम्स की टीम वीरवार को मंडी जिले की सुंदरनगर विधानसभा से लाइव हुई. हमारे विशेष संवावदाता राजन पांडेय मंडी जिले की दस सीटों के बारे में बताते हुए उसे पहले ही हिमाचल विधानसभा चुनावों का किंगमेकर जिला घोषित कर चुके हैं. इसीलिये हमारी टीम यहां की अलग-अलग विधानसभाओं क दौरा कर चुनावी कवरेज कर रही है.
सुंदरनगर का अतीत
राजन के मुताबिक, सुंदरनगर दो बड़े दिग्गजों का इलाका रहा है. ठाकुर शेर सिंह राणा जो कांग्रेस के पुराने नेता थे अब उनका निधन हो चुका है और ठाकुर रूप सिंह जो भाजपा से 6 बार विधायक चुने गये थे. संयोग से दोनों ही इस बार चुनावी मैदान में नहीं हैं और सुंदरनगर सीट अपनी नयी राजनीतिक इबारत लिखने में व्यस्त है.
नड्डा-धूमल गुट की लड़ाई से सीधा नाता
रूप सिंह को इस बार यहां से टिकट नहीं मिला. इसके कारणों के बारे में राजन बताते हैं कि रूप सिंह, धूमल गुट के करीबी माने जाते थे और भाजपा के अंदरखाने मुख्यमंत्री उम्मीदवार के लिये नड्डा और धूमल गुट की लड़ाई काफी लंबे समय से छिड़ी है.
इसी लड़ाई में, साल 2012 के चुनावों के दौरान ठाकुर रूप सिंह टिकट पाने में असफल रहे, उनकी जगह पर भाजपा के जिला अध्यक्ष राकेश जम्वाल जो नड्डा के करीबी बताये जाते हैं, उनको यहां से टिकट मिला था. इस फैसले पर रूप सिंह बागी हो कर चुनावी मैदान में उतर गये. भाजपा में छिड़ी इस लड़ाई का फायदा कांग्रेस प्रत्याशी सोहन लाल ठाकुर को मिला और वह सबसे ज्यादा वोट पाने में सफल रहे जबकि बागी रूप सिंह दूसरे नंबर पर रहे और भाजपा के राकेश जम्वाल तीसरे नंबर पर पहुंच गये.
साल 2017 का चुनावी समीकरण
इस बार के चुनावों में सोहन लाल कांग्रेस के प्रत्याशी है जो सीपीएस भी हैं, भाजपा से दोबारा राकेश जम्वाल मैदान में हैं और रूप सिंह कथित तौर पर उनका साथ दे रहे हैं. फिलहाल राजन, कांग्रेस प्रत्याशी सोहन लाल ठाकुर के साथ लाइव हो रहे हैं.
पिछले चुनावों में 9000 मतों के साथ विजयी होने वाले सोहन लाल से इस बार उनकी जीत के बाबत सवाल पूछने पर वह कहते हैं कि पिछली बार भी हमें भाजपा की गुटबाजी के बजाय उनके कार्यकाल में कोई विकास कार्य न होने की वजह से मिला था. पिछली बार के कार्यकाल में मैने लोगों से किये अपने वादे जिसमें मुख्य रूप से सभी पंचायतों को मुख्य सड़कों से जोड़ना रहा हैं. इसमें वह 5 पंचायतें शामिल हैं, जो आजादी के बाद से अब तक नहीं जोड़ी गयीं थीं, उन्हे हमने मुख्य सड़कों से जोड़ा है.
इसके बाद वह विभिन्न विकास कार्यकर्मों में एनडीए सरकार द्वारा लगातार अटकाये जा रहे रोड़ों के बारे में विस्तार से बताते हैं कि कैसे हमारे जमाम कोशिशों के बावजूद केंद्र सरकार की वजह से हम लगातार अटकते रहे. मोदी लहर को पूरी तरह फ्लॉप बतेते हुए वह कहते हैं कि हम अपनी जीत के लिये आश्वस्त हैं. मोदी लहर के फ्लॉप होने के पीछे वह उनके जुमलों की असफलता मुख्य कारण बताते हैं.