हमीरपुर. हिमाचल में भले ही आवारा पशुओं का आतंक हर तरफ हो मगर यहां का एक जानवर ऐसा भी है जो इन दिनों महानगरों की आंख का तारा बना हुआ है. चौंकिए नहीं, ये हिमाचल की बकरियां हैं जिनके दूध की डिमांड इन दिनों दिल्ली और चंडीगढ़ तक है. बकरी का दूध डेंगू के उपचार के लिए रामबाण माना जाता है और महानगरों में इसकी उपलब्धता कम ही है.
बाहर से आ कर तलाश रहे बकरी का दूध
हमीरपुर के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की मानें तो यहां बकरी के दूध की तलाश में बाहर से लोग आ रहे हैं. यहां के तमाम लोग जो दूसरे शहरों में बसे हुए हैं वह भी दूध की डिमांड कर रहे हैं जो यहां से भेजा जा रहा है. आने वालों का कहना है कि दिल्ली-चंडीगढ़ में बकरी का दूध आसानी से मिलता नहीं और यदि कहीं मिल ही जाएए तो 150 से 200 रुपए प्रति लीटर की दर से मिलता है. हिमाचल के ग्रामीण इन्हें मुफ्त में ही दूध मुहैया करा दे रहे हैं.
रुकता है बुखार, बढ़ते हैं प्लेटलेट्स
आयुर्वेदिक विभाग हमीरपुर के चिकित्सक डॉ. अनिल पराशर बताते हैं कि बकरी का दूध डेंगू के लिए सबसे कारगर औषधि है. उन्होंने बताया कि बकरी का दूध, पपीता, अनार, हरी दूब और बिल्व पत्र का रस भी डेंगू के इलाज में काफी फायदेमंद होता है. इनका रस बुखार रोकने के साथ ही प्लेटलेट्स बढ़ाने में भी मददगार होता है.