शिमला. शहर के नागरिकों को लामबंद करके इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा. इस निर्णय के खिलाफ शिमला नागरिक सभा सड़कों पर उतरेगी. शिमला नागरिक सभा अध्यक्ष विजेन्द्र मेहरा ने कहा है कि एनजीटी का आदेश जनविरोधी है व इस से शहर की गरीब जनता, मध्यम वर्ग, कर्मचारियों व आम जनता को भारी नुकसान होगा. इस निर्णय से न केवल भविष्य में मकान बनाने वालों को भारी दिक्कत होगी.
बता दें कि एनजीटी ने फैसला किया है कि ढाई मंजिल से ऊपर बने मकानों को तोड़ देना है. इस फैसले से केवल वर्तमान मकान मालिक प्रभावित हो रहे हैं. इसी को लेकर शिमला नागरिक सभा की मीटिंग रेडक्लिफ बिल्डिंग शिमला में सम्पन्न हुई. मीटिंग में निर्णय लिया गया कि एनजीटी के निर्णय के खिलाफ 2 दिसम्बर को कालीबाड़ी हॉल शिमला में अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा. अधिवेशन में शहर की सभी सामाजिक संस्थाओं, जनता के सभी संगठनों, नगर निगम के प्रतिनिधियों व अन्य प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है.
अपितु पहले से बने मकानों को रेगुलर करने के लिए आम जनता को भारी परेशानियां झेलनी पड़ेंगी. आगामी तीन महीनों तक भवनों के निर्माण पर रोक से जनता को भारी परेशानी होगी. केवल ढाई मंजिल का भवन बनाने की इजाजत से जनता को भारी नुकसान होगा.
उन्होंने कहा है कि एनजीटी का निर्णय नगर निगम, अन्य विभागों व प्रदेश सरकार जैसी लोकतांत्रिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर भी सीधा हस्तक्षेप है. एनजीटी के निर्णय से शिमला शहर के किसी भी समुदाय को कोई भी फायदा नहीं होने वाला है. इस निर्णय से शिमला शहर के पर्यावरण व वातावरण को कोई ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है.
शिमला नागरिक सभा सचिव कपिल शर्मा ने कहा है कि एनजीटी का निर्णय जनता विरोधी है. इसलिए इसका हर हाल में सड़कों पर उतर कर विरोध किया जाएगा व आंदोलन किया जाएगा.
मीटिंग में विजेंद्र मेहरा, कपिल शर्मा, जियानंद शर्मा, किशोरी ढटवालिया, बाबू राम, चन्द्रकान्त वर्मा, दिनित देण्टा, रमन थारटा, हरिसिंह राजटू, बिंदू जोशी, आशु भारती, चुनी लाल, एडवोकेट जीता नेगी, संजीव खजूरिया, अनिल नेगी, जीवन, रमाकांत मिश्रा, रीना, अशोक ठाकुर, पवन, मोहन आदि मौजूद रहे.