शिमला. एनजीटी का निर्णय जनता व लोकतंत्र विरोधी है. इस निर्णय से आम जनता का शिमला में जीना दूभर हो जाएगा. शिमला शहर का विकास ठप्प हो जाएगा. यह सभी बातें प्रेस वार्ता के दौरा नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कही.
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए विजेंद्र मेहरा ने कहा कि शिमला नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि लोगों को खून पसीने की कमाई से बने मकानों को गिरवी रखना पड़ेगा. एनजीटी का निर्णय शिमला शहर की जनता के ऊपर तानाशाही है. इस निर्णय को लेते वक्त नगर निगम व प्रदेश सरकार जैसी लोकतांत्रिक संस्थाओं तथा स्टेकहोल्डरों को विश्वास में नहीं लिया गया और न उनकी राय ली गई.
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उन्होंने कहा है कि इस निर्णय के कारण इर्दगिर्द की दर्जनों पंचायतों के बाशिंदों को भी भारी नुकसान उठाना होगा. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस निर्णय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. उन्होंने प्रदेश सरकार से अपील की है कि यह निर्णय देश की संसद से पारित वनाधिकार अधिनियम का भी खुला उल्लंघन है. अतः इसके खिलाफ केंद्र सरकार का हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जाए. इस दौरान कपिल शर्मा, किशोरी ढटवालिया, उत्तम चौहान व रंजीव कुठियाला आदि मौजूद रहे.