मंडी(जोगिंद्रनगर). विधानसभा क्षेत्र जोगिंद्रनगर के तहत चक्का से लोअर बसाही तक 1100 मीटर शहीद के नाम पर बनने वाली सड़क लगभग 13 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी नहीं बन पाई. जिसके चलते क्षेत्रवासियों में सरकार के विरुद्ध भारी रोष पनप रहा है.
साल 2004 में लोअर बसाही गांव के चिराग जगमोहन ठाकुर ने देश की सुरक्षा और दुशमनों से लड़ते हुए मातृभूमि के लिए शहीद हो गये थे. उस समय तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शहीद के नाम पर चक्का से लोअर बसाही तक लगभग 110 मीटर सड़क बनाने और उसे शहीद के नाम पर रखने का निर्णय लिया था.
ये सड़क 13 वर्ष के अंतराल में मात्र 300 मीटर ही बन पाई और वहां पर शहीद सड़क के नाम पर बोर्ड लगा कर उसे वहीं तक ही सीमित कर दिया गया. यह बनाई गई 300 मीटर सड़क अब अपने खस्ता हालत पर आंसू बहा रही है. यहां पर मोटर वाहन तो दूर की बात है. यहां पर पैदल चलना भी इंसान के लिए नामुमकिन हो गया है.
शहीद के भाई घनशयाम और लज्जा ठाकुर ने कहा कि उन्होंने प्रदेश सरकार के समक्ष तो यह मामला रखा ही था बाद में इस मामले को वे केंद्र सरकार के समक्ष भी उठाया गया. लेकिन, किसी ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की.
शहीद की मां का सपना
शहीद की माता शांता देवी का कहना है कि हैरानी की बात है शहीद के नाम पर कोई काम ही नहीं करना चाहता है तो सिर्फ यहां पर बोर्ड लटकाकर खानापूर्ति क्यों की गई है. उन्होंने सरकार से पूछा है कि सरकार की नजर में शहीद के प्रति कोई मान सम्मान नहीं है. यदि शहीदों की शहादत को एसे ही भुलाया जाता रहा तो यह भावी पीढ़ी के लिए सही संदेश नहीं है.
मंडी के सांसद रामस्वरूप ने कहा
शहीद सड़क के मामले को लेकर जब मंडी सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि उन्हें सांसद बने तीन साल हो गए पर यह मामला उनके ध्यान में नहीं आया. यदि एसे हुआ हैं तो उन्हें इस बात का दु:ख है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश के शहीद हुए सभी वीर सिपाहियों के मान-सम्मान के लिए कृत संकल्प है. उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती.