मंडी(धर्मपुर).केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार जितने विकास कार्यों का शिलान्यास करती है उसे अगर समय पर पूरा कर दे बात ही क्या. लेकिन राजनेताओं व अफसरशाही की लाचारी से यह योजनाएं दम तोड़ देती हैं. ऐसा ही कुछ हुआ है धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में जहां पूर्व केंद्र सरकार द्वारा पंचायतों में राजीव सेवा केंद्र भवन बनाने का वादा किया गया था. जिसे अब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
केवल सधोट पंचायत में ही बन पाया भवन
पूर्व परिवहन मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने 6 साल पहले आधा दर्जन पंचायतों में राजीव सेवा केंद्रों के धड़ाधड़ शिलान्यास किए थे. पैसा स्वीकृत होने के 6 वर्षों बाद भी 7 भवनों के निर्माण शुरू नहीं हो पाए. 2011 में धर्मपुर क्षेत्र में सिद्धपुर, खैलग, लौंगणी, विंगा, स्योह, सकलाना, सधोट और समौढ़ में इन भवनों की आधार शिलाएं रखी गई थी. जिन्हें 1 साल के भीतर तैयार करने का वायदा किया गया था. महेंद्र सिंह ठाकुर के कार्यकाल में केवल एक राजीव सेवा केंद्र ही सधोट पंचायत में बन पाया है.
क्या था इन केंद्रों का उद्देश्य
केंद्र द्वारा इस महत्वकांक्षी योजना के तहत पंचायत में बनने वाले इन राजीव सेवा केंद्र भवनों का उद्देश्य ग्रामीणों का विकास था. ग्रामीणों को इन केंद्रों में एक ही छत के नीचे पंचायत स्तर पर मनरेगा का कामकाज व कार्यालय की व्यवस्था करना था. इसी में ज्ञान संसाधन केंद्र और विकास कार्यों की सूचनाएं एवं ऑनलाइन जानकारी, कैंप आयोजित करना, प्रशिक्षण शिविर, पंचायत सचिव कार्यालय, रोजगार सेवक, कृषक मित्र व अन्य सुविधाएं मिलनी थी.
कीमतें बढ़ने से नहीं हुआ निर्माण
धर्मपुर विकासखंड के बीडीओ गुरुदीप ने कहा कि राजीव सेवा केंद्र 10 लाख रुपये में बनाए जाने थे. केंद्र सरकार द्वारा 60:40 रेश्यो के तहत इनका निर्माण किया जाना था. जिसमें 60 प्रतिशत मेटेरियल और 40% लेबर जरूरी थी. परंतु सामान की कीमतों में उछाल आने के बाद यह रेशियो फिट नहीं बैठती थी, जिसके चलते बाकी भवनों का निर्माण नहीं किया जा सका.