हमीरपुर(नादौन). उपमंडल की एक पंचायत में जाली प्रमाण पत्र से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी हथियाने का मामला उजागर हुआ है. मामले का पर्दाफाश आरटीआई कार्यकर्ता ओंकार चंद ने किया है. मामले के अनुसार 2010 में नादौन के एक पंचायत प्रधान ने जाली प्रमाण पत्र तैयार कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी दिलाने में अपनी बहू की मदद की. बिना पंचायत रिकार्ड में दर्ज करवाए ही बहू का अलग परिवार होने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया. इस कार्य को करने में तत्कालीन पंचायत सचिव ने भी अपनी भूमिका निभाई तथा सत्यापन करके प्रमाण पत्र जारी कर दिया. मामला उजागर होने के बाद महिला को बर्खास्त कर दिया गया है.
साक्षात्कार के समय दिया जाली परिवार नकल का प्रमाण पत्र
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साक्षात्कार के समय बहू ने जाली परिवार नकल का प्रमाण पत्र जमा करवा दिया. उसे नौकरी भी मिल गई. करीब 7 साल से महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रही है. मामले को उजागर करने वाले ओंकार चंद ने पाया कि तत्कालीन प्रधान का परिवार तो एक साथ रहता है, उसकी बहू अलग नहीं रहती है.
आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई तो पता चला कि जाली प्रमाण पत्र जारी कर नौकरी हथियाई गई है. पंचायत रिकॉर्ड में कहीं भी यह दर्ज नहीं है कि उसकी बहू अलग रहती है या उसका अलग से परिवार दर्ज है. मामले की जानकारी जिला पंचायत अधिकारी को दी गई. जिस पर जिला पंचायत अधिकारी ने भी मामले की छानबीन करवाई तो मामला सही पाया गया.
महिला को बर्खास्त करने का निर्देश जारी
जिला पंचायत अधिकारी ने मामले की जानकारी संबंधित विभाग के निदेशक को भी दी. निदेशक ने मामले पर कार्रवाई करते हुए जाली प्रमाण पत्र पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी पाने वाली महिला को बर्खास्त करने का निर्देश जारी किया है. उधर आरटीआई कार्यकर्ता ओंकार चंद ने विभाग से मामले में एफआईआर दर्ज करवाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अपात्र होकर जाली प्रमाणपत्र से नौकरी प्राप्त की गई तथा 7 साल से ज्यादा समय तक वेतन प्राप्त कर धोखाधड़ी की गई है. इस मामले में विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता पर उन्होंने संदेह व्यक्त किया है.