सोलन. सोलन शहर के वासी इन दिनों पेयजल की कमी से जूझ रहे हैं. वहीं पानी की मुख्य पाइपों से हज़ारों लीटर पानी बर्बाद होकर सड़कों पर बह रहा है. सोलन शहर में नगर परिषद के तहत आने वाले क्षेत्र को पानी की आपूर्ति करता है. नगर परिषद को आईपीएच विभाग द्वारा पीने के पानी की आपूर्ति की जाती है. जबकि शहर के बाहरी क्षेत्रों में आईपीएच सीधे लोगों को पानी वितरित करता है. दोनों विभागों की खींचतान में जनता पीस रही है.
पानी की आपूर्ति नहीं होने पर नगर परिषद सारा ठिकरा आईपीएच विभाग के सिर फोड़ देता है. उनके द्वारा आवश्यकता अनुसार पानी की सप्लाई नहीं की जाती है. हास्यस्पद तो ये है कि पानी की फटी पाइपों को बदलने की बजाय पाइपों से हवा निकलने के लिए जोड़ ढीले छोड़े जाते हैं.
इस बारे में शहर के लोगों का कहना है कि उन्हें 2 से 4 दिन के अंतराल पर पानी मिल रहा है. शिकायत करने पर जवाब मिलता है कि परियोजनाओं से ही पानी की आपूर्ति कम हो रही है.
सोलन में गिरी और अश्वनी खड्ड में दो पेयजल परियोजनाएं हैं. इन परियोजनाओं से सोलन और आस पास के क्षेत्रों के लोगों की प्यास बुझती है. करोड़ों रुपये की परियोजनाओं के बावजूद लोगों को पानी ना मिले इससे बड़ी सरकार की नाकामयाबी और क्या होगी?