शिमला. वीरभद्र सिंह अपनी सीट छोड़कर जिला छोड़कर सोलन के अर्की से चुनाव लड़े और जीत भी गए. 9वीं बार विधानसभा पहुंचने वाले वीरभद्र सिंह ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह सच मे हिमाचल के राजा हैं.
वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के एकमात्र ऐसे राजवंशज हैं जो लगातार हिमाचल की सत्ता पर विराजमान रहे हैं. इस बार न केवल वह खुद जीते बल्कि अपने पुत्र विक्रमादित्य सिंह को भी पहली बार विधानसभा पहुंचाने में कामयाब रहे.
वहीं डलहौजी राजपरिवार से आशा कुमारी भी अपनी कुर्सी बचने में सफल रही. लेकिन कुल्लू राजघराने के वारिस अपना कुनबा नहीं बचा पाए. कुल्लू से राजवंशज महेश्वर सिंह को इस बार हार का मुंह देखना पड़ा. वह अपने निकटतम प्रत्याशी सुंदर सिंह ठाकुर से हार गए.
यहीं नहीं उनके भाई पूर्व मंत्री स्व.कर्ण सिंह के बेटे विक्रमआदित्य सिंह को भी हार मिली. हिमाचल प्रदेश से 3 राज परिवार ही सत्ता की दहलीज पर थे इन में से अब वीरभद्र सिंह अपने कुनबे को आगे ले जाने में कामयाब रहे तो आशा ने भी अपना अस्तित्व बचाया लेकिन कुल्लू के राजवंशज इन चुनावों में फेल हो गए.