नई दिल्ली. पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री गीता श्री उरांव ने झारखंड सरकार पर बाहर के लोगों को राज्य में बसाने और उन्हें यहां नौकरी देने का आरोप लगाया है. बुधवार को गुमला कचहरी में जनसमस्यों का समाधान के मुद्दे पर धरना देते हुये पूर्व मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल, जमीन और जंगल को उजाड़ने और आदिवासी-मूलवासियों को विस्थापित कर उनके अस्तित्व को मिटाने पर तुली हुई है. सरकार की मंशा पूंजीपतियों को जमीन देने की है. उन्होंने भूमि अधिग्रहण बिल वापस लेने की मांग करते हुये कहा कि आदिवासी-मूलवासी को जल, जमीन और जंगल के अधिकार से वंचित नहीं होने दिया जाएगा.
धरना को संबोधित करते हुये कांग्रेस नेता पवन कुमार साहु ने कहा कि जमीन लोगों की पहचान होती है, जबकि सरकार लोगों से जमीन छीनकर कारपोरेट कंपनी को देना चाहती है. वहीं, जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष रमेश कुमार चीनी ने गृहरक्षकों का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि गृहरक्षकों को नौकरी देने के लिये दो-दो हजार रुपये लिये जा रहे हैं.
जिला कांग्रेस अध्यक्ष शिव कुमार भगत ने कहा कि आदिवासियों की जमीन को कारपोरेट कंपनियों को देने के लिये सरकार साजिश रच रही है. धरना के बाद जिला कांग्रेस की ओर से राज्यपाल के नाम उपायुक्त को ज्ञापन दिया गया. ज्ञापन में भूमि अधिग्रहण बिल वापस लेने, स्थानीय नीति में संशोधन करने, किसानों द्वारा किए गए आत्महत्या की उच्चस्तरीय जांच कराने,स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लाने, गुमला में बाईपास का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराने, राशन कार्ड बनवाने, किसानों से धान क्रय करने की मांंग की गई है.